चढ़ा चुनावी रंग, विपक्ष दंग !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , लोकसभा चुनाव से पहले देशभर में विपक्षी दलों को खत्म करने की साजिश पर नई बहस शुरू हो गई है। दअरसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी, कांग्रेस के खातों में रोक लगाने, विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ईडी और सीबीआई की जांच के साथ ही कांग्रेस, बसपा, सपा समेत तमाम दलों के नेताओं को भाजपा में शामिल करने से माना जा रहा है कि भाजपा विपक्षी दलों के अस्तित्व को ही समाप्त करने की कोशिश में लगी हुई है। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले देश के साथ ही देवभूमि उत्तराखंड में इस मुद्दे पर सियासत गर्मा गई है। विपक्षी दलों का कहना है कि देश में अघोषित आपातकाल जैसे हालात हो गए हैं। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बीजेपी सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा की लोकसभा चुनाव में परेशान करने की नीयत से मोदी सरकार विपक्षी दलों के नेताओं का उत्पीड़न कर रही है। उन्होने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कांग्रेस पार्टी के खाते फ्रिज किये जाने को लोकतंत्र की हत्या बताया है। सवाल ये है कि क्या भाजपा विपक्ष मुक्त भारत करने की साजिश कर रही है 

 

देश में लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही विपक्षी दलों की मुश्किलें लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है। दअरसल एक तरफ जहां ईडी और सीबीआई की जांच की आंच से परेशान नेताओं का भाजपा में शामिल होने का सिलसिला जारी है। तो वहीं इसी बीच विपक्षी दलों के सामने अब कई बड़ी चुनौतियां खड़ी हो गई है। इसी के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस के खातों पर लगी रोक ने विपक्षी दलों की चिंता बढ़ा दी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि मोदी सरकार के राज में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। और लोकसभा चुनाव भाजपा विपक्षी दलों को परेशान कर रही है। उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी पर 14 लाख 40 हजार की अनियमितता के मामले में आयकर विभाग ने इसमें 106 प्रतिशत की पेनल्टी (210 करोड़ रुपए) लगा दी है जबकि नियमों के अनुसार इस पर ज्यादा से ज्यादा 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लिया जा सकता था….

 

 वहीं एक तरफ जहां अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के खातों के सीज होने पर सियासत गरमाई हुई है. तो वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में चुनाव से पहले लगातार विपक्षी दलों को भाजपा एक के बाद एक झटके दे रही है।  इसी के तहत पूर्व बसपा विधायक हरि दास ने सैकड़ो समर्थको के साथ भाजपा का दामन थाम लिया है। लोक सभा चुनाव से पहले बसपा को यह बड़ा झटका माना जा रहा है.हरि दास तीन बार के विधायक रह चुके है। आपको बता दें कि इससे पहले भाजपा कांग्रेस पार्टी के भी कई नेताओं को शामिल कर चुकी है इसी के तहत एक विधायकचार पूर्व विधायकएक पूर्व सांसद प्रत्याशी और दो विधानसभा प्रत्याशी भाजपा में शामिल हो गए हैं। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का दावा है कि ये अभी शुरूआत है आगे कई बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल कराया जाना है

 

कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले से कई चुनौतियों का सामना कर रहा विपक्ष अब नई मुश्किलों में घिर गया है ऐसे में सवाल ये है कि क्या भाजपा विपक्ष मुक्त भारत करने की दिशा में लगी हुई है। क्या 2024 का चुनाव विपक्ष के लिए करो या मरो का चुनाव है…

 

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