मणिपुर हिंसा : सीएम बीरेन सिंह ने इंटरनेट पर लगी पाबंदी को हटाया, अफीम की खेती करने वालों पर जारी रहेगा एक्शन

KNEWS DESK… मणिपुर में बीते 4 माहिने जातीय हिंसा को मद्देनजर रखते हुए सरकार की तरफ से इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई थी. जिसको अब सीएम बीरेन सिंह इंटरनेट से पाबंदी हटाने का ऐलान कर दिया है. सीएम बीरेन सिंह ने आज यानी 23 सितम्बर को प्रेस काॅन्फ्रेस करते हुए इसकी घोषणा की. सीएम बीरेन ने बताया कि हिंसा से सम्बन्धित अफवाहों को फेलने से रोकने के लिए प्रदेश में इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगाई गई थी. जिसे आज खत्म कर दिया है.

दरअसल, सीएम बीरेन सिंह ने अफीम की खएती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने का संदेश दिया है. सीएम बीरेन ने NCB यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ मिलकर निगरानी जारी रखेंगे. मणिपुर में 3 मई को हिंसा भड़की थी. जिसके बाद से लोगों की मौत और टकराव की फर्जी सूचनाएं इंटरनेट के जरिए लगातार फैलाई जा रही थी. जिसकी वजह से सरकार ने प्रदेश में इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगा दी थी.

जानकारी के लिए बता दें कि सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि मैं राज्य के लोगों को यह सूचना देना चाहता हूं कि आज से इंटरनेट पर लगी पाबंदी खत्म कर दी जाएगी. राज्य में अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवा बंद की गई थी. बता दें कि मणिपुर का वैष्णव मैतेई समुदाय ख़ुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग लंबे समय करता रहा है. इस बार वहां के भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने अधिक संख्या में मैतेई समुदाय के विधायक हैं, जिसके बाद उनकी मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसके विरोध में राज्य के ईसाई कुकी समुदाय ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे. इसके जवाब में मैतेई ने प्रदर्शन शुरू कर दिया . 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से विरोध का आयोजन ‘आदिवासी एकजुटता मार्च ‘ के नाम पर किया गया. इसके बाद हिंसा भड़क गई गए थे.

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160 लोगों की मौत,कईयों के घायल होने की जानकारी

बता दें कि पिछले चार महीने में कम से कम 160 लोगों के मारे जाने की सूचना है जबकि कई अन्य लोग घायल हुए हैं. वहां हालात को सामान्य रखने के लिए भारतीय सेना के पूर्वी कमान के जवानों की तैनाती की गई. साथ ही असम राइफल्स और अन्य अर्धसैनिक बलों के साथ राज्य पुलिस भी क़ानून  व्यवस्था को संभालने के लिए तैनात है. मणिपुर से एक आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था जिसे लेकर देश भर में घमासान मचा था. विपक्षी पार्टियों ने केंद्र और राज्य सरकार पर मणिपुर में हालात को संभालने में विफलता का आरोप लगाया था.

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