संसद के उद्घाटन के अवसर पर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध

मेरठ/दिल्ली-  एक तरफ आज जहां ऐतिहासिक दिन का आगाज हो रहा है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। उन्हें बलपूर्वक पुलिस और सुरक्षाबलों द्वारा रोका जा रहा है। किसानों का साफ तौर पर कहना है कि जंतर-मंतर पर चल रहे पहलवानों के धरने को वह समर्थन देने जरूर जाएंगे वहीं सुरक्षा बल किसानों को रोकने के लिए एड़ी चोटी तक का जोर लगाए हुए हैं।

किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर कर रहे महापंचायत

संसद भवन के उद्घाटन के दिन ही किसानों और जंतर मंतर पर बैठे पहलवानों ने शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने का एलान कर दिया था जिसे देखते हुए उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस अलर्ट हो गई थी जैसे ही आज किसान जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में जगह-जगह लगे बैरिकेडिंग तोड़कर गाजीपुर पहुंचे तो वहां भी यूपी गेट पर किसानों को भारी पुलिस फोर्स के अमले द्वारा रोका गया तो वहीं दूसरी ओर किसान नेता गाजीपुर बॉर्डर पर ही महापंचायत करने लगे राकेश टिकैत ने साफ तौर पर सरकार और प्रशासन को चेतावनी हुए कहा है कि किसानों को अगर रोकने का प्रयास किया गया तो जैसे किसानों ने 13 महीने तक लगातार धरना दिया है एक बार फिर वही रूप किसानों को अपनाना पड़ेगा| देश की बहन बेटियों के साथ किसी भी कीमत पर उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा| न्याय की लड़ाई हमने पहले भी लड़ी है और एक बार फिर देश का किसान लड़ने का काम करेगा।

संसद भवन के उद्घाटन से एक दिन पहले ही यूपी में हुआ अलर्ट

संसद भवन के उद्घाटन से पहले ही उत्तर प्रदेश में पुलिस को अलर्ट कर दिया गया था। जितने भी भारतीय किसान यूनियन और विपक्षी दल के नेता है उन्हें नजरबंद करने के लिए पुलिस को आदेशित कर दिया गया था। देर रात ही पुलिस विपक्षी दलों के नेताओं के घर पहुंच गई और उन्हें नजरबंद कर लिया। मेरठ की बात करें तो मेरठ में भी भारतीय किसान यूनियन के दर्जनों नेताओं को घरों में नजरबंद किया हुआ है। वहीं सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान को भी भारी पुलिस फोर्स के अमले के घेरे में उनके शास्त्री नगर स्थित घर पर उन्हें नजरबंद किया गया है। बता दें कि अतुल प्रधान ने बीते 1 दिन पहले ही जंतर-मंतर पर पहलवानों को समर्थन देने जाने की बात कही थी। जिसके बाद पुलिस अलर्ट हो गई थी और आज उन्हें नजरबंद कर लिया गया। अतुल प्रधान ने कहा कि यह सरकार की तानाशाही है बेटियों को न्याय दिलाने के लिए हम लड़ाई लड़ेंगे।

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