KNEWS DESK- बदलते जमाने में टेक्नोलॉजी ने अमूलचूल परिवर्तन कर लोगों की जिंदगी आसान कर दी है। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स (AI) का नया फीचर लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। जहाँ अभी तक लोग अपनी बीमारियाँ पता लगाने के लिए तरह-तरह की जांच करते थे फिर भी 100 प्रतिशत एक्यूरेसी के साथ कोई जांच बीमारी का पता नहीं लगा पाती थी। आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स (AI) ने अपना नया फीचर मार्केट में उतारा है, जिसमें लोग अपनी आवाज के जरिये डायबिटीज का पता लगा सकते है। शोधकर्ताओं ने एक खास AI एल्गोरिदम तैयार किया है, जो आवाज में होने वाले सूक्ष्म बदलावों को पहचान सकता है। टाइप-2 डायबिटीज फेफड़ों, मसल्स और नर्व्स पर असर डालती है, जिससे आवाज में मामूली खराश या तनाव आ सकता है. इस एल्गोरिदम को 607 लोगों की आवाज रिकॉर्डिंग पर टेस्ट किया गया। इन लोगों से 30 सेकंड तक एक विशेष टेक्स्ट पढ़वाया गया।
लक्समबर्ग इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रिसीजन हेल्थ के डायरेक्टर डॉ फेगराजी ने बताया कि टाइप-2 डायबिटीज से फेफड़ों के काम पर असर पड़ता है। जब हम बोलते हैं तो हवा वॉयस बॉक्स से होकर गुजरती है और वाइब्रेशन से आवाज उत्पन्न होती है। इस प्रक्रिया में गर्दन और गले की छोटी-छोटी मसल्स काम करती हैं, जिन पर डायबिटीज का प्रभाव पड़ सकता है, इसी कारण से डायबिटीज से पीड़ित लोगों की आवाज में हल्की खराश, तनाव और वॉवेल साउंड में बदलाव दिखाई देता है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स (AI) की मदद से कितने प्रतिशत मिलेगी सटीक जानकारी?- शोध के नतीजों के अनुसार, यह AI एल्गोरिदम 71% पुरुषों और 66% महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज की पहचान सही तरीके से करने में सक्षम था. इस शोध को हाल ही में पीएलओएस डिजिटल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित किया गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि भविष्य में लोग अपने घर बैठे ही इस तकनीक की मदद से डायबिटीज की पहचान कर सकेंगे और समय रहते उपचार शुरू कर पाएंगे।