देहरादून में बसंत की बहार, वसंतोत्सव का हुआ आगाज

देहरादून| राजभवन में कल तीन दिनी वसंतोत्सव का आगाज हो गया है। इसका उद्घाटन राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने किया। यह वसंतोत्सव पाँच मार्च तक चलेगा लेकिन पहले दिन ही इस वसंतोत्सव में काफी दर्शकों की भीड़ देखने को मिली जो इसका बहुत ही आनंद उठा रहे थे। राज्यपाल का कहना था कि आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है और यह की जो वनस्पति है पूरे देश में सबसे अलग है। खासकर फूलों के मामले में तो उत्तराखंड का पूरे विश्व में अलग ही स्थान है। हिमालय का संरक्षण, गंगा और यमुना का जल यह की वनस्पतियों को अलग ही रूप दे देता है। इसमें कोई संदेह नहीं है की एक दिन फूल-बागवानी में उत्तराखंड पूरे विश्व में नए मुकाम को हासिल करेगा और एक दिन यह उत्तराखंड पुष्प प्रदेश के रूप से भी जाना जाएगा। राज्यपाल ने उद्यान विभाग की और से किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए टोल फ्री किसान हेल्पलाइन नंबर 18003135685 को भी लांच किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वसंतोत्सव के आयोजन और इसमें भागीदारी कर रहे हर एक व्यक्ति को शुभकामनाएं दी है और उनका कहना था कि राज्य सरकार लगातार कृषि और बागवानी के विकास के लिए प्रयास कर रही है। धामी जी ने कहा वसंतोत्सव लोगों को प्रकृति से जुड़ने का संदेश देता है और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रोत्साहित भी करता है ताकि हम अपने पर्यावरण से जुड़े रहे। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा की वसंतोत्सव में राज्य की समृद्धि और बागवानी की झलक बिल्कुल साफ नजर आ रही है। पूरे देश के बागवानी बाजार में उत्तराखंड अपनी जगह बनाने का काम कर रहा है। इससे प्रदेश के हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। राज्यपाल और धामी जी ने कृषि मंत्री के लघु फिल्म और पुस्तक का विमोचन भी किया है और साथ ही राज्यपाल ने हर एक स्टोल पर जाकर मुआयना किया और हर एक किसान और कारोबारियों को प्रोत्साहित भी किया। 
कल से शुरू हुई पुष्प प्रदर्शनी को देखने के आनंद शनिवार और रविवार को भी दर्शक ले सकते है। राज्यपाल के निर्देश के अनुसार आम जनता के लिए राजभवन चार और पाँच को सुबह नौ बजे से लेकर शाम छह बजे तक खुला रहेगा। पुष्प प्रदर्शनी को देखने के लिए दर्शक समय से पहले ही राजभवन आ पहुंचे। सुरक्षा कर्मियों ने दर्शकों को कैसे भी करके दोपहर एक बजे तक रोक के रखना पड़ा। 
राजभवन में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में संस्कृति विभाग के साथ-साथ स्कूली बच्चों ने मनमोहक कार्यक्रम और नृत्य प्रस्तुत भी पेश किया। सांस्कृतिक कलाकारों ने झुमैलो, छपेली, चांचरी, तांदी, हारुल आदि लोक नृत्य प्रस्तुत किए और सभी ने इसका बहुत आनंद लिया। आईएमए के बैंड ने अपनी मधुर धुनों से सभी को मंत्रमुग्ध ही कर दिया और वहीं गोरखा राइफल्स के जवानों के खुखरी नृत्य का लोगों ने खूब आनंद लिया। देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के छात्रों ने योगा के बेहतरीन करतब दिखाए और इस दौरान आईटीबीपी के जवानों ने कराटे का प्रदर्शन कर दर्शकों को रोमांचित ही कर किया। राज्यपाल ने पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लेने वालों बच्चों से भी मुलाकात की। उनका कहना था की पिछले वर्ष प्रतियोगिता में 200 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, स्वयं सहायता समूहों ने प्रतिभाग किया, जिनकी संख्या इस साल बढ़कर 535 हो गई है। वसंतोत्सव के आयोजन में कट फ्लावर(पारम्परिक) प्रतियोगिता में 698 और कट फ्लावर (गैर पारम्परिक) श्रेणी में 191 प्रतिभागी, पॉटेड प्लांट श्रेणी(प्राइवेट नर्सरी) में 22, लूज फ्लावर श्रेणी में 42, पॉटेड प्लांट(गैर पुष्प) श्रेणी में 17, कैक्टस एवं सेकुलेंट श्रेणी में 13, हैंगिंग पॉट श्रेणी में 27, ऑन स्पॉट फोटोग्राफी में 22, लॉन श्रेणी में 17, फ्रेश पेटल रंगोली में 08 और पेंटिंग प्रतियोगिता में 946 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है और इस साल शुरू की गई नई प्रतियोगिताओं, छतों पर सब्जी उगाने की श्रेणी में 12, बोनसाई की श्रेणी में 23, टेरेरियम की श्रेणी में 7 एवं शहद की श्रेणी में 33 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है। 

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