Noida : एफएनजी प्रोजेक्ट ने फिर पकड़ी रफ्तार, 30 साल से लटका यह प्रोजेक्ट तीन शहरों के लिए होगा लाइफलाइन

नोएडा, दिल्ली एनसीआर के 3 महत्वपूर्ण शहरों फरीदाबाद-नोएडा-गाजियबाद (एफएनजी) शहरों के लिए खास एफएनजी (FNG Project) प्रोजेक्ट एक बार फिर रफ्तार पकड़ता दिखाई दे रहा है। ये प्रोजेक्ट दो राज्यों की सरकारों के बीच में यह करीब 30 वर्षों से फाइलों में धूल चाट रहा है। सूत्रों के अनुसार नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी (Ritu Maheshwari IAS) की पहल पर इस परियोजना को एक बार फिर धरातल पर उतारने की कोशिश शुरू हुई है। इस प्रोजेक्ट के नोएडा वाले हिस्से में अधूरे काम को शुरू करने की तैयारी है।

क्या है एफएनजी प्रोजेक्ट

एनसीआर में शामिल उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद शहर हरियाणा के फरीदाबाद शहर से सटे हैं। नोएडा और फरीदाबाद के बीच यमुना नदी है। जिसके चलते इन तीनों शहरों में सीधी कनेक्टिविटी नहीं है। नोएडा और गाजियाबाद से फरीदाबाद जाने के लिए दिल्ली से होकर गुजरना पड़ता है। एकमात्र रास्ता नोएडा में महामाया फ्लाईओवर से आगे यमुना नदी को कालिंदी कुंज के पास पार करता है। इस रास्ते पर चौबीसों घंटे ट्रैफिक जाम रहता है। इस समस्या का समाधान करने के लिए करीब 30 साल पहले फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद को सीधा जोड़ने के लिए एफएनजी एक्सप्रेसवे बनाने की योजना पर काम शुरू हुआ था। इस प्रोजेक्ट का वित्तपोषण एशियन डेवलपमेंट बैंक को करना था। निर्धारित वक्त पर काम शुरू नहीं हो पाया। लिहाजा, एशियन डेवलपमेंट बैंक से मिली ग्रांट लेप्स हो गई। अंततः करीब 10 साल पहले नोएडा अथॉरिटी ने खुद इस प्रोजेक्ट पर काम करने का निर्णय लिया था।

अब नोएडा अथॉरिटी और हरियाणा सरकार खर्च उठाएंगे

एसएनजी एक्सप्रेसवे का इतना फायदा नोएडा शहर को मिलेगा, उतना ही फायदा हरियाणा के फरीदाबाद शहर को भी मिलेगा। लिहाजा, हरियाणा से जोड़ने के लिए यमुना पर बनने वाले पुल को हरियाणा का पीडब्लूडी विभाग बनाएगा। जबकि इस पर आने वाले खर्च को नोएडा प्राधिकरण और हरियाणा सरकार आधा-आधा मिलकर वहन करेंगे। इसको लेकर सहमति बन गई है।
यह जानकारी नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने शुक्रवार की शाम यूपी के मुख्य सचिव को दी है। मुख्य सचिव ने एफएनजी को लेकर प्राधिकरण के साथ ऑनलाइन बैठक की थी। अधिकारियों ने बताया कि नोएडा के हिस्से में करीब 50 प्रतिशत काम हो चुका है। एफएनजी नोएडा के करीब 23 किलोमीटर हिस्से में बनना है। जिसमें से अलग-अलग हिस्सों में 11 किलोमीटर सड़क बन चुकी है।

यमुना पर 600 मीटर लंबा और 6 लेन चौड़ा पुल बनाना होगा

यमुना पर बनने वाला पुल करीब 600 मीटर लंबा और 6 लेन का होगा। इस पर करीब 150 से 200 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। पुल बनाने की राह में अभी तक अडंगा था। पुल को जोड़ने के लिए एप्रोच रोड दोनों राज्य अपने-अपने खर्च पर बनाएंगे। नोएडा की तरफ करीब 4.7 किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड बनानी है। जबकि फरीदाबाद की तरफ अभी अलाइनमेंट फाइनल नहीं हुआ है। नोएडा में एसएनजी के लिए जरूरी बहलोलपुर अंडरपास बन चुका है। अब गाजियाबाद को जोड़ने के लिए छिजारसी के पास रोटरी, एलिवेटेड रोड, नोएडा में हिंडन के डूब क्षेत्र में एलिवेटेड रोड और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को पार करने के लिए रोटरी या अंडरपास बनाया जाएगा।

नोएडा में एफएनजी के लिए ये काम होने अभी बाकी

-गाजियाबाद को जोड़ने के लिए छिजारसी के सामने एलिवेटेड रोड बनानी है।
-इसके आगे 3.68 किलोमीटर के बाद बाएं तरफ सर्विस रोड, दायें तरफ की मुख्य सड़क और सर्विस लेन का काम बाकी है।
-इसके बाद हिंडन डूब क्षेत्र में सेक्टर-98 से सेक्टर-143 तक 5.665 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड बनानी है।
-शहदरा गांव और सेक्टर-143 के सामने 200 मीटर मुख्य सड़क और एक तरफ सर्विस लेन बनानी है।
-सेक्टर-143 के सामने ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को पार करने के लिए अंडरपास बनाना होगा।
-अलग-अलग हिस्सों में करीब 8 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण बाकी है।

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