ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से 49 कर्मचारी बर्खास्त, नियुक्ति घोटाले में मिली थीं नौकरियां

ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में अपने रिश्तेदारों और फर्जीवाड़े के बूते नौकरियां हासिल करने वाले 49 कर्मचारियों को आज बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्यवाही मामले की जांच कर रहे अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेरणा शर्मा की रिपोर्ट आने के बाद इन सभी पर गाज गिरी है। उल्लेखनीय है कि इन सभी कर्मचारियों में प्राधिकरण में कार्यरत अफसरों के रिश्तेदार, नेताओं और प्राधिकरण के लिए काम करने वाली एजेंसियों के रिश्तेदार शामिल हैं। बादलपुर गांव के रहने वाले राजेंद्र सिंह की शिकायत से यह मामला प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा था, आरोप है कि शिकायत करने वालों को भी इन तमाम लोगों ने तरह-तरह से परेशान करने की कोशिश की थी।। आपको बतादें कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 70 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया गया है।  इनमें 35 लोगों की भर्ती प्लेसमेंट पर एजेंसियों के माध्यम से की गई है और 35 लोगों की भर्ती संविदा के आधार पर की गई थी.

क्या है मामला

आरोप लगे थे कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 70 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया गया है।  इनमें 35 लोगों की भर्ती प्लेसमेंट पर एजेंसियों के माध्यम से की गई है और 35 लोगों की भर्ती संविदा के आधार पर की गई है।

जमकर हुआ भाई भतीजावाद

बताया जा रहा है कि प्राधिकरण में तैनात अफसरों और कर्मचारियों ने गुपचुप तरीके से अपने बेटे, बेटियों, भतीजे, बहू, सालों और रिश्तेदारों को मनमाने ढंग से नौकरियां बांट दीं।मामले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया सकता हैं कि कई अफसरों के तो दो-दो बेटे और भतीजों को नौकरियां दी गई हैं। मजेदार बात यह है कि एक परिवार में 10 सदस्यों को प्राधिकरण में नौकरियां दे दी गईं। जब मामला हाई लाइट हुआ तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को जांच करके दो कार्य दिवस में रिपोर्ट मांगी थी।

इन 49 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया

कुलदीप सिंह

आशुतोष सिंह रावत

अजय नवानी

अरविंद कुमार सिंह

अमित भाटी

सौरभ मिश्रा

अंकित मौर्य

लवांश भाटी

निखिल बंसल

पंकज कुमार रंजन

मुरसलीन खान

रितिक

अमित कुमार भाटी

बददेला रोहित कुमार

रिचा सिंह

दिव्यांग कपूर

पूनम

दर्शन सिंह

मनोज गौतम

सुमित

विशाल चौधरी

गौरव नाथ दुबे

गौरव कुमार

ओमवीर

मोहसिन खान

लविश शर्मा

ध्रुव शर्मा

वरुण शर्मा

रोहित सिंह

दुर्गेश कुमार मौर्य

शुभम मल

आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव

विवेक सिंह

अभिजीत सिंह राठी

सोनू कुमार पाठक

अमरजीत करण

धर्मेंद्र वर्मा

नवीन कुमार

इंद्रदेव छोकर

मोहित चौधरी

पोरस राज

आदेश भाटी

विपिन कुमार

मोहित नागर

तरुण नागर

तरुण कुमार

विकास कुमार गिरी

विक्रांत सिरोही

विवेक कुमार

मामले के खुलासे के लिए सीईओ रितेश माहेश्वरी ने जांच समिति बनाई थी

मामला हाई लाइट हुआ तो सीईओ रितु माहेश्वरी ने एसीईओ प्रेरणा शर्मा की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया। साथ ही इस समिति में तीन एसीईओ शामिल किए थे, जिनकी आख्या पर प्रेरणा शर्मा की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी को सौंप दी। परिणामस्वरूप इस मामले में लम्बी लड़ाई के बाद 49 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।

49 लोगों को नौकरी में कैसे किया गया था घोटाला?

दरअसल यह फर्जीवाड़ा ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के लिए काम करने वाली दो मानव संसाधन एजेंसियों के जरिए किया गया था। एक एजेंसी नोएडा की राधा कृष्णा सर्विस प्रोवाइडर है। दूसरी का नाम माधव एसोसिएट्स है। यह कंपनी भी नोएडा में रजिस्टर्ड है। बड़ी बात यह है कि इन एजेंसियों को संचालित करने वालों के रिश्तेदार भी नौकरियां पाने की इस फर्जीवाड़े में सम्मलित थे । राधा कृष्णा सर्विस प्रोवाइडर्स के 13 और माधव एसोसिएट्स के 36 मानव संसाधन को इस फर्जीवाड़े में शामिल पाया गया है। इस तरह इन दोनों एजेंसियों के जरिए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में प्लेसमेंट हासिल करने वाले 49 लोगों की नौकरियां समाप्त कर दी गई हैं। सोमवार को अथॉरिटी के विशेष कार्याधिकारी (कार्मिक) रविंद्र सिंह यादव की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं।।

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