यूपी में पार्टियों ने शुरू किया चुनावी आगाज

मिशन 2022 फतह करने के लिए सारे दल पूरा जोर लगा रहे हैं। सपा के अखिलेश यादव मुहिम पर निकल चुके हैं तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में प्रबुद्ध सम्मलेन कर चुनावी आगाज़ कर दिया है। प्रियंका गांधी वाड्रा भी लखनऊ पहुँच चुकी हैं। संगठन की मीटिंग करने के बाद वो एक बार फिर से मोर्चा खोलेंगी। लेकिन इन सब से इतर भाजपा ने न सिर्फ अपनी पूरी  सेना तैयार कर ली है बल्कि सेनापति भी तैनात कर दिये हैं। पिक्चर अब पूरी तरह से साफ़ हो चुकी है की अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश के चुनाव की कमान भी मोदी के हाथ में रहेगी। मोदी ने अपने आने से पहले ही अपनी पूरी सेना यहां सजा दी। आधी टीम काफी लम्बे समय से यहां काम कर रही थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में यू पी के 7 राज्य मंत्रियों को शामिल कर उन्हें भी काम पर लगा दिया गया था। अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को यू पी का प्रभारी बनाने के साथ ही भारी भरकम  7 सह प्रभारियों को लगाकर रणनीति साफ कर दी है।

शीर्ष नेतृत्व ने धर्मेन्द्र प्रधान को सौंपी कमान

प्रदेश प्रभारी बनाए गए धर्मेंद्र प्रधान पिछड़े वर्ग से आते हैं तो वहीँ 7 सह प्रभारियों में दलित, ब्राह्मण और ठाकुर वर्ग का भी पूरा ख्याल रखा गया है। यूपी के चुनाव की कमान भी मोदी के हाथ में रहेगी और  रणनीतिकार अमित शाह  उनके साथ रहेंगे। मोदी 30 से ज़्यादा रैलियां करेंगे तो वहीँ अमित शाह उनसे दोगुनी यानी 60 रैलियों को सम्बोधित करेंगे। उत्तर प्रदेश में पहली बार मोदी और शाह की इतनी रैलियां होने जा रही हैं। मोदी उत्तर प्रदेश में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते क्योंकि अगर 340  का मिशन उत्तर प्रदेश में पूरा नहीं हुआ तो 2022 में होने वाला राष्ट्रपति का चुनाव और 2024 का गणित भी गड़बड़ा सकता है।

विपक्ष का अपना अलग ही राग

विपक्ष का मानना है की मोदी के नेतृत्व में ही पिछले 13 विधानसभाओं के चुनाव लड़े गए हैं, जिनमे से 9 में हार मिली है। अब वो चाहे जितनी टीम के साथ आ जाए कुछ होने वाला नहीं है। जबकि सपा का कहना है कि डबल इंजन की सरकार ने पांच साल में कुछ नहीं किया। मोदी जी आएँगे ज़रूर पर सवाल और मुद्दे इतने हैं की उनका जवाब देना मोदी के बस की बात नहीं। विपक्ष कह रहा है मोदी का जादू अब चलने वाला नहीं है क्योंकि उनकी साख में काफी गिरावट आई है, तो वहीं भाजपा का दावा है की मोदी विश्व के सबसे बड़े नेता हैं और उनका जलवा आज भी कायम है। अब किसका दावा होगा सफल और कौन होगा धराशायी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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