ईरान से छिड़ी जंग ने तोड़ा बाराबंकी के कारीगरों का सपना, कर्जे में डूबी जिंदगी, अधर में पड़ा भविष्य

रिपोर्ट- मो0 रज़ी सिद्दीकी

बाराबंकी – ईरान और इजराइल में बड़े तनाव और जंग के बीच केंद्र सरकार ने भारतीय नागरिकों को दोनों देशों की यात्रा न करने की सलाह दी है। इस एडवाइजरी ने इजराइल में नौकरी के लिए चुने गए बाराबंकी के सैकड़ों कारीगरों की चिंता बढ़ा दी है। इन लोगों को व्हाट्सऐप के जरिए मैसेज मिला है कि विदेश मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक इजराइल की किसी भी तरह की यात्रा पर फिलहाल रोक दी गई है। आप लोग अगली जानकारी मिलने तक का इंतज़ार करें।

इस एडवाइजरी के बाद इन सभी का भविष्य अधर में लटक गया है, क्योंकि यहां अच्छी कमाई न होने के चलते यह सभी लोग इजराइल जा रहे थे। किसी ने कर्ज लिया तो किसी ने जमीन तक गिरवी रख दी। कई लोगों ने घर में रखे जेवर तक बेच दिये हैं इसीलिये यह सभी युद्ध के खरते के बीच भी इजराइल जाना चाहते हैं। जिससे वहां कमाई करके अपने परिवार की स्थिति सुधार सकें।

नौकरी का सपना टूटा, कर्जे में जिंदगी... ईरान इजराइल जंग से UP के लोग मायूस  | Israel Iran war bad news for UP Barabanki people selected for work in  Israel stwn |इजराइल जाने के लिए किसी ने कर्ज लिया तो किसी ने गिरवी रखी जमीन

दरअसल बाराबंकी जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर विकासखंड देवा में जगदीशपुर गांव स्थित है। यहां के करीब 35 युवाओं का चयन इजराइल जाने के लिए हुआ था। इन सभी ने इजराइल जाने के लिए फ्लाइट के टिकट भी बुक करवा लिए थे। इजराइल जाने के लिए किसी ने कर्ज लिया तो किसी ने जमीन तक गिरवी रख दी। यहां तक कि कई लोगों ने घर में रखे जेवर तक बेच दिये हैं। ऐसे में अब सरकार की एडवाइजरी के बाद इन युवाओं की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। क्योंकि इजराइल जाने के लिये किसी ने अपनी जमीन गिरवी रखी है तो किसी ने कर्जा लिया है।

Israel-Hamas war updates: Dozens killed in Jabalia camp, Gaza official saysउधार पैसे लेकर सारे कागज कराए पूरे 

गांव के चंदन सिंह ने बताया कि उन्होंने बीएससी तक की पढ़ाई की है। काफी कोशिशों के बाद जब नौकरी नहीं मिली तो वह राजमिस्त्री का काम करने लगे। इसी काम से वह अपनी और अपने परिवार की रोजी-रोटी चलाते हैं। यहां मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से हर महीने 10 से 15 हजार रुपए ही कमा पाते हैं। जब उन्हें पता चला कि इजराइल में नौकरी के लिए टेस्ट हो रहे हैं और वहां हर महीने 1 लाख 37 हजार रुपये वेतन मिलेगा। तो पंजीकरण के लिए उधार पैसे लिये। सारे कागज पूर कराए और फ्लाइट का टिकट भी करवाया। इन सब में उनका काफी रुपया खर्च हो चुका है। ऐसे में अगर उन्हें इजराइल जाने को नहीं मिला तो उधारी चुकाने के लिये अपनी जमीन-जायजाद बेचनी पड़ जाएगी।

अगले आदेश तक इजरायल के लिए कोई यात्रा नहीं

गांव के आशीष कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर यह सभी काम किए हैं। 18 अप्रैल को उनकी दिल्ली से फ्लाइट थी। लेकिन 13 अप्रैल की शाम को उन्हें फोन करके बताया गया कि अभी इजराइल नहीं जाना है। अगले आदेश तक इजरायल के लिए कोई यात्रा नहीं कर सकेंगे। ऐसे में अब हम लोगों यह चिंता सता रही है कि ब्याज पर ली गई रकम को वह कैसे वापस करेंगे। यहां वह स्टील बेचने का काम करते हैं, जिससे बड़ी मुश्किल से गुजारा चल रहा है।

रोजी-रोटी चलाना मुश्किल

वहीं प्रदीप सिंह ने बताया कि वह भी राजमिस्त्री हैं। यहां रोजी-रोटी चलाना मुश्किल है इसीलिये हम लोग अपनी जान खतरे में डालकर भी इजराइल जाना चाहते हैं। श्रम विभाग में पंजीकरण करवाया। चरित्र प्रमाण पत्र, मेडिकल फिटनेस और कई दूसरे कागजात बनवाये। इसके बाद फ्लाइट के टिकट और एनएसडीसी में पंजीकरण भी करवाया। ऐसे में फ्लाइट रद्द होने के बाद उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या होगा।

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