DCW कर्मचारियों को बर्खास्त करना उपराज्यपाल का ‘तुगलकी’ आदेश है- स्वाति मालीवाल

KNEWS DESK-  डीसीडब्ल्यू की पूर्व प्रमुख और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने गुरुवार यानी आज दिल्ली महिला आयोग के 223 कर्मचारियों के अनुबंध को समाप्त करने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा जारी निर्देश पर निशाना साधा। निकाले गए कुछ कर्मचारियों से मिलीं मालीवाल उनसे बात करते हुए रो पड़ीं।

उन्होंने कहा कि कोई इतनी नीच, नकारात्मक और महिला विरोधी सोच कैसे रख सकता है? पिछले नौ वर्षों से जब मैं डीसीडब्ल्यू प्रमुख थी, उन्होंने कभी कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन आज, जब मैं डीसीडब्ल्यू की प्रमुख नहीं हूं, तो वे कोशिश कर रहे हैं इसे बंद करने के लिए ताकि कोई उनसे सवाल न करे… मैं आपको चेतावनी देना चाहता हूं कि इस ‘तुगलकी’ आदेश को वापस लें अन्यथा सार्वजनिक विद्रोह होगा।

अधिकारियों ने गुरुवार यानी आज बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा एक प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद दिल्ली महिला आयोग के 223 संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया था। दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग ने डीसीडब्ल्यू को उन संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया है जिनके बारे में उसका कहना है कि उन्हें “उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना” काम पर रखा गया था।

सोशल मीडिया पर स्वाति मालीवाल ने कहा कि “LG साहब ने DCW के सारे कॉंट्रैक्ट स्टाफ को हटाने का एक तुग़लकी फ़रमान जारी किया है। आज महिला आयोग में कुल 90 स्टाफ है जिसमें सिर्फ़ 8 लोग सरकार द्वारा दिये गये हैं, बाक़ी सब 3 – 3 महीने के कॉंट्रैक्ट पे हैं। अगर सब कॉंट्रैक्ट स्टाफ हटा दिया जाएगा, तो महिला आयोग पे ताला लग जाएगा। ऐसा क्यों कर रहे हैं ये लोग? खून पसीने से बनी है ये संस्था। उसको स्टाफ और सरंक्षण देने की जगह आप जड़ से ख़त्म कर रहे हो? मेरे जीते जी मैं महिला आयोग बंद नहीं होने दूँगी। मुझे जेल में डाल दो, महिलाओं पे मत ज़ुल्म करो!”

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