नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी पूर्व प्रधान को अदालत ने सुनाई 10 साल के कारावास की सजा व अर्थ दंड

रिपोर्ट – कुलदीप पंडित

बागपत – उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में न्यायालय ने नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी को दस साल कारावास की सजा सुनाई है। गांव के प्रधान पर नाबालिग के साथ दुष्कर्म का आरोप था। जिला एवं सत्र न्यायालय बागपत की एडीजे कोर्ट पंचम ने आज 2016 से चल रहे दुष्कर्म के मामले में आज फास्ट ट्रैक कोर्ट सुशील कुमार की अदालत ने पांच गवाहों की बहस सुनने के बाद गांव के ही पूर्व प्रधान को दोषी मानते हुए दस साल के कठिन कारावास और एक लाख दस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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नाबालिक युवती को अपने घर बुलाकर दुष्कर्म की वारदात को दिया था अंजाम

दरअसल आपको बता दें  कि पूरा मामला बागपत के चाँदीनगर थाने का था, जहां 10 अक्टूबर 2016 को पूर्व प्रधान ने गांव की ही अनुसूचित जाति की नाबालिक 15 वर्षीय युवती को अपने घर बुलाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर अभियोग पंजीकृत कर आरोपी पूर्व प्रधान को जेल भेज दिया था। तभी से यह मामला जिला एवं सत्र न्यायालय बागपत कोर्ट में चल रहा था। आज दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद एडीजे पंचम सुशील कुमार ने दुष्कर्म के आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। साथ ही अर्थ दंड अदा न करने पर 1 साल की सजा और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

चुप रहने के लिए पीड़िता को दी गयी धमकी

बता दें कि नाबालिक पीड़िता एक बच्चे की मां है| हालांकि चुप रहने के लिए पीड़िता को पहले तो धमकी दी गयी जिस कारण पीड़िता ने अपना घर ही नही गांव छोड़ने पर भी मजबूर हो गयी और वह गौतमबुद्धनगर अपनी रिश्तेदार के घर पर रहने लगी थी। इतना ही नही दबंगो ने बार बार पंचायत कर फैसले का दबाव भी बनाया और उसकी अस्मत के लिए 9 लाख की बोली तक लगा दी थी, लेकिन पीड़िता को न्यायालय के फैसले पर पूरा विश्वास था इसलिए वह सभी मुश्किलों का सामना करती रही और आखिर उसे न्याय मिला और दोषी को कठोर सजा सुनाई गई।

 

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