असद के व्हाट्सएप गुप से जुड़ा था माफिया अतीक का हत्यारा, पुलिस जांच में जुटी

प्रयागराज, माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में लगी यूपी पुलिस के हाथ एक और बड़ा सुराग लगा है. यह खुलासा चौंकाने वाला है,अतीक व अशरफ को मौत की नींद सुलाने वाले हत्यारोपियों में शामिल अरुण मौर्य शेर-ए-अतीक व्हाट्सएप ग्रुप से भी जुड़ा था. इस ग्रुप को माफिया अतीक के बेटे एसद ने ही बनाया था. इस ग्रुप में प्रयागराज के अलावा प्रतापगढ़, सुलतानपुर व कानपुर एवं कौशाबी सहित उत्तर प्रदेश के लगभग 20 जिलों के लोग जुड़े हुए थे.पुलिस अब इस मामले की जांच गहनता के साथ करने मे जुट गई है. हालंकि यह ग्रुप बाद में बंद भी हो गया था. इस ग्रुप मे लगभग 200 लोग जुड़े हुए थे.आखिर माफिया का हत्यारा अरूण इस ग्रुप में किस मकसद से जुड़ा हुआ था. मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अरुण काफी समय तक इस ग्रुप से जुड़ा था और सक्रिय भागीदारी निभा रहा था. उसने ग्रुप क्यों छोड़ा इसकी पूछताछ उससे की जा रही है.

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माफिया अतीक का बेटा असद इस ग्रुप को चलाता था. जोकि उमेश पाल हत्याकांड के मामले में लगातार फरार चल रहा था हालंकि बाद मे यूपी एसटीएफ ने झांसी में मार गिराया था. इस ग्रुप का नाम Sher-E-Atiq था. पुलिस सूत्रों से मिल रही जानकारी कि यह ग्रुप उमेश पाल की हत्या के कुछ  समय पहले  बंद हो गया था.असद ग्रुप में अपने पिता व भाई अली के वीडियो और फोटो डालता था. असद समूह के लोगों के बीच अपने पिता के लिए कट्टर समर्थकों की नींव बना रहा था.मिल रही जानकारी के मुताबिक बता दें कि इस ग्रुप में शाइस्ता और अशरफ को जानने वाले लोग भी शामिल थे.

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इस ग्रुप के मामले को लेकर एक सवाल यह भी उठता है कि आखिर उमेश पाल की हत्या के ठीक पहले यह ग्रुप क्यों बंद किया गया. हालंकि पुलिस इस पहेलु पर भी जांच कर रही है.कहीं इस ग्रुप का उमेशपाल हत्याकांड से कोई संबंध तो नहीं है. दूसरी ओर पुलिस इस ग्रुप को रिकवर करने की कोशिश कर सकती है.  ग्रुप से जुड़े लोगों को ढूंढ़ने व पूछताछ की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.

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