टीएमसी का मतलब अब ‘आतंक, माफिया और भ्रष्टाचार’ है- शहजाद पूनावाला

KNEWS DESK- बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मंगलवार यानी आज कहा कि टीएमसी का मतलब बदलकर ‘टेरर, माफिया और करप्शन’ हो गया है। दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के अंदर विरोध प्रदर्शन करने वाले टीएमसी नेताओं के बारे में पीटीआई से बात करते हुए शहजाद पूनावाला ने कहा कि राज्य (पश्चिम बंगाल) में कोई भी सुरक्षित नहीं है, न ही केंद्रीय एजेंसी, ईडी की टीमें, न ही बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी। आप समझते हैं कि कानून कैसा है राज्य में व्यवस्था की स्थिति खराब है। राज्य में केवल भ्रष्टाचार सिंडिकेट, शाहजहां शेख और बम विस्फोट करने वाले टीएमसी कैडर सुरक्षित हैं।

चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर धरना देने के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं ने मंगलवार सुबह मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन पर अपना विरोध जारी रखा। पुलिस ने कहा कि उन्होंने टीएमसी नेताओं को सोमवार रात रिहा कर दिया हालांकि नेता रात भर थाने में ही डटे रहे और अपना धरना जारी रखा।

पूनावाला ने टीएमसी पर हमला करते हुए कहा कि टीएमसी संविधान बचाने की बात करती है, एनआईए और ईडी की टीमें जब संविधान के तहत काम कर रही थीं तो उन पर हमला किया जा रहा था। क्या ये संविधान बचाना था या संविधान की हत्या? संदेशखाली की महिलाओं से बलात्कार- क्या ये बचाना था संविधान या संविधान की हत्या।

10 सदस्यीय टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की और मांग की कि प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदला जाए क्योंकि वे कथित तौर पर सत्तारूढ़ के इशारे पर काम कर रहे थे।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि टीएमसी का मतलब ‘आतंक, माफिया और भ्रष्टाचार’ हो गया है। जिस तरह से पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब हो गई है, क्या राज्य के लोग भी सुरक्षित होंगे?, राज्य में कोई भी सुरक्षित नहीं है।” केंद्रीय एजेंसी, ईडी की टीमें और न ही भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। राज्य में केवल भ्रष्टाचार सिंडिकेट, शाहजहां शेख और बम विस्फोट करने वाले टीएमसी कैडर ही सुरक्षित हैं संविधान, एनआईए और ईडी की टीम पर तब हमला हो रहा था जब वे संविधान के तहत काम कर रहे थे, क्या यह संविधान बचाना था या संविधान की हत्या, संदेशखाली की महिलाओं के साथ बलात्कार, क्या यह संविधान बचाना था या संविधान की हत्या।

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