मेयर का चुनाव नहीं जीत पायी सपा,इस बार अलग तरीके से उतरेंगे अखिलेश

लखनऊ:यूपी के नगर निकाय चुनाव को लेकर सपा मंगलवार को बड़ी बैठक कर रही है.सपा के लिए  निकाय चुनाव काफी खास माना जा रहा है,क्योंकि इस चुनाव के बाद लोकसभा2024 के चुनाव हैं और पिछले दो चुनाव पर सपा अपना महापौर नहीं बना पाई.इस बार समाजवादी पार्टी की साख दांव पर है.

उत्तर प्रदेश में शहरीय निकाय चुनाव के सीटों का आरक्षण जारी होने के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत चुनाव को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को पार्टी नेताओं के साथ लखनऊ में बैठक करेंगे.माना जा रहा है कि इस मीटिंग में मेयर के संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की जाएगी.

पिछले चुनाव में भी अपना मेयर नहीं बना पाई थी

आपको बतादें कि 2017 में हुए नगर निकाय चुनाव में सपा मेयर को लेकर अपना खेल नहीं खेल पाई थी.पिछले नगर निगम चुनाव में भाजपा 14 और बसपा के 2 मेयर बनाने में कामयाब रही थी.वहीं 2007 में सपा सिर्फ मुरादाबाद में ही अपना मेयर बना सकी थी जबकि 2012 जबकि बसपा को 1 सीट मिली थी और बाकी सभी सीटें भाजपा जीतने में सफल रही थी. इस तरह देखें तो सूबे के नगर निगम के चुनाव में सपा का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है,लेकिन अब समाजवादी खुद को मजबूत करने में जुट गई है.

मुरादाबाद, वाराणसी और सहारनपुर,कानपुर नगर, गाजियाबाद, मथुरा, में कांग्रेस ने SP और BSP को पीछे छोड़ दिया था. वहीं SP पांच नगरों में अयोध्या,प्रयागराज,  गोरखपुर,बरेली और लखनऊ में दूसरे नंबर पर रही थी. फिरोजाबाद में  AIMIM प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा था. जबकि अलीगढ़ और मेरठ में BSP जीती और BJP  दूसरे स्थान पर रही थी. सपा यूपी में एक समय प्रयागराज और मुरादाबाद में अपना मेयर बनाने में जरूर सफल रही थी, लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा प्रदर्शन रहा.मेयर के चुनाव BJP औरCON के बीच मुकाबला होता रहा है.

पिछली बार नगर पालिका के 198 और नगर पंचायतों की 438 सीटों पर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था. बीजेपी ने नगर पालिका परिषद अध्यक्ष की 70 और नगर पंचायत

अध्यक्ष 100 सीटें जीती थीं. वहीं सपा के 45, बसपा के 29 और कांग्रेस के 9 नगर पालिका अध्यक्ष बने. नगर पंचायतों की बात करें तो सपा के 83, बसपा के 45 और कांग्रेस के 17 अध्यक्ष बने थे.इस बार सपा का RLD के साथ गठबंधन है,ऐसे में सपा का समीकरण बेहतर करने के लिए तैयारी कर रही है.अखिलेश ने साफ कर दिया है कि अपने गठबंधन के सहयोगियों के साथ नगर निकाय चुनाव लड़ेंगे?

उत्तर प्रदेश में कुल 760 सीट पर चुनाव

उप्र में कुल 762 नगर निकायों में से 760 नगर निकायों में चुनाव होने है जबकि दो सीटों पर कानूनी मामला है. निकाय सीटों के आरक्षण की लिस्ट गुरुवार को जारी  कर दी गई.UP की कुल 762 नगर निकायों में से 760 नगर निकायों में चुनाव होने है जबकि दो सीटों पर कानूनी मामला है.UP के 17 नगर निगम के महापौर, 199 नगर पालिका के अध्यक्ष और 544 नगर पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण घोषित कर दिया गया है. इसके अलावा नगर निगम, पालिका परिषद और पंचायतों के 13,965 वॉर्डों का भी आरक्षण जारी कर दिया है.

नगर निगम मेयर सीटों का आरक्षण

नगर निगम की कुल 17 मेयर सीट में से 8 सामान्य वर्ग,3महिला,2महिला ओबीसी,2पिछड़ा वर्ग, 1 SC महिला  के लिए आरक्षित की गई है.वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या और मथुरा की मेयर सीट अनारक्षित है.

वहीं लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद मेयर सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित की गई है. शाहजहांपुर और फिरोजाबाद की मेयर सीट पिछड़ा वर्ग महिला तो सहारनपुर और मेरठ मेयर सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं. झांसी मेयर सीट SC और आगरा मेयर सीट SC  महिला के लिए आरक्षित है.

11 मेयर की सीटों पर बदला समीकरण

नगर निगम की मेयर सीटों के लिए राज्य सरकार ने 5 दिसंबर 2022 को जो आरक्षण जारी किया था,उस लिहाज से देखें तो अब मेयर की 17 सीटों पर आरक्षण की स्थिति पूरी तरह से बदल गई है.मथुरा और अलीगढ़ मेयर सीट पहले महिला OBC के लिए आरक्षित लिए थी,जो अब सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हो गई हैं.

प्रयागराज मेयर सीट OBC के लिए आरक्षित थी,जो अब सामान्य वर्ग के लिए हो गई है.वहीं सहारनपुर मेयर सीट महिला से OBC हो गई तो मुरादाबाद मेयर सीट महिला आरक्षण से सामान्य वर्ग हो गई,फिरोजाबाद और शाहजहांपुर की मेयर सीट अनारक्षित से OBC महिला हो गई है तो गाजियाबाद,कानपुर और लखनऊ मेयर सीट अनारक्षित से महिला आरक्षित कर दी गई .

नगर पालिका -पंचायत में बदलाव

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नए आरक्षण से जिस तरह नगर निगम की मेयर की 17 सीटों में से 11 सीटों पर आरक्षण की स्थिति बदल गई है,उसी तरह से नगर पालिका के अध्यक्ष पद की 100 और नगर पंचायत अध्यक्ष पद की 269 सीटों पर आरक्षण में बड़ा बदलाव किया गया.

 

 

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