KNEWS DESK… संसद के मानसून सत्र का आज यानी 26 जुलाई को 5वां दिन है. मणिपुर मामले को लेकर सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. जिसके अलावा BRASपार्टी के द्वारा भी मणिपुर हिंसा को लेकर एक अलग से अविश्वास प्रस्ताव पारित करने का नोटिस दिया गया है.
दरअसल आपको बता दें कि कांग्रेस का आरोप है कि लोगों का सरकार के ऊपर से भरोसा ऊठ रहा है. ङम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर मामले पर बोले, लेकिन वो बात नहीं सुनते हैं. ऐसे में हमने अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला कर लिया है.
जानकारी के लिए बता दे कि कांग्रेस सांसद गोगोई ने 9:20 पर लोकसभा सेक्रेटरी जनरल के दफ्तर में नो काॅन्फिडेंस मोशन का नोटिस दिया. यह प्रस्ताव 10 बजे के पहले लाया जाता है. किसी सरकार के खिलाफ नो कोॅन्फिंडेंस मोशन लाने के लिए कम से कम 50 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता पड़ती है.
गौरबतल हो कि मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है. मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर मॉनसून सत्र में हंगामा जारी है. विपक्ष इस मुद्दे पर पीएम मोदी के सदन में बयान और विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है. जबकि सरकार गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के साथ अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार है. लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान पर अड़ा है. ऐसे में संसद के दोनों सदनों में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है.
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सदन के बाहर तो बात करते हैं, लेकिन सदन के अंदर नहीं-अधीर रंजन चौधरी
जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीएम मोदी मणिपुर पर सदन के बाहर तो बात करते हैं, लेकिन सदन के अंदर नहीं बोलते. विपक्ष ने मणिपुर पर बार बार सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की, लेकिन यह विफल रही. ऐसे में अब अविश्वास प्रस्ताव ही सही है. उन्होंने कहा, अविश्वास प्रस्ताव हर वक्त जीतने के लिए नही होता, देश को मालूम हो कि किस तरह से सरकार ने तानाशाह रूप बनाकर रखा है और विपक्ष का अपमान किया जा रहा है. ये जीत हार वाली बात नहीं है. सवाल ये है कि हमें इस हालात में क्यों आना पड़ रहा है.
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पीएम मोदी के पास संसद में बयान देने के लिए आत्मविश्वास की कमी है-कपिल सिब्बल
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, जब पीएम मोदी के पास संसद में बयान देने के लिए आत्मविश्वास की कमी हो गई . सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी तक मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ मौन रखते हैं. बृजभूषण पर कुछ नहीं बोलते. कहते हैं कि चीन ने किसी जमीन पर कब्जा नहीं किया. तो I.N.D.I.A को उनमें कैसे विश्वास रहे?
विपक्ष एकजुट होकर लड़े-सीएम नीतीश कुमार
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि प्रधानमंत्री को इसपर बयान देना चाहिए। वे सब दिन गायब रहते हैं. मणिपुर हिंसा में जो घटनाएं हो रही हैं. विपक्ष उसके लिए एकजुट होकर लड़े.
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जनता ने ऐसे लोगों को सबक सिखा दिया था-प्रह्लाद जोशी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, लोगों का कॉन्फिडेंस पीएम मोदी के ऊपर और भारतीय जनता पार्टी के ऊपर है. पिछले टर्म में भी विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था. देश की जनता ने ऐसे लोगों को सबक सिखा दिया था.
जानिए विपक्ष क्यों ला रहा है अविश्वास प्रस्ताव?
मोदी सरकार बहुमत में है. ऐसे में ये साफ है कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा. सवाल यह उठता है कि पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार होने के बावजूद विपक्ष यह अविश्वास प्रस्ताव क्यों ला जा रहा है? इसके पीछे की वजह क्या है?
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विपक्षी पार्टियों का मानना है कि पीएम मोदी मणिपुर हिंसा के मामले में सदन में कोई जवाब नहीं दे रहे हैं. लेकिन जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. जब पीएम मोदी को इस पर सदन के अंदर जवाब देना होगा. यही वजह है कि सभी विपक्षी है कि सभी विपक्षी पार्टियां यह जानते हुए कि उनके पास आंकड़ा नहीं है. इसके बाद भी यह प्रस्ताव लोकसभा में लाया जा रहा है.
लोकसभा और राज्यसभा में जानिए कौन है कितना दमदार?
लोकसभा में मोदी सरकार बहुमत में है. भाजपा के पास 301 सांसद हैं. NDA के पास 333 सांसद हैं. वहीं पूरे विपक्ष के पास कुल 142 सांसद हैं. सबसे ज्यादा 50 सांसद कांद्रेस के हैं. राज्यसभा की बात करें तो NDA गठबंधन के पास 105 सांसद हैं. जबकि I.N.D.I.A गठबंधन के पास 93 सांसद हैं.
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अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए यह है जरूरी
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नियम 198 के तहत लोकसभा में पेश किया जा सकता है. इस अविश्वास प्रस्ताव को पेश करने के लिए ही लगभग 50 विपक्षी सांसदों का समर्थन होना जरूरी है. लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक अहम कदम माना जाता है. अगर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए और सदन के 51% सांसद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करते हैं, तो यह पारित हो जाता है और माना जाता है कि सरकार ने बहुमत खो दिया है और उसे पद से इस्तीफा देना होगा.सरकार को या तो विश्वास मत लाकर सदन में अपना बहुमत साबित करना होता है या विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद सरकार से बहुमत साबित करने के लिए कह सकता है. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि विपक्षी दल सिर्फ सरकार गिराने के उद्देश्य से ही अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हैं, कई बार विपक्ष सरकार को राष्ट्रीय महत्व के किसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मजबूर करने के लिए भी अविश्वास प्रस्ताव लाता है.
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यह प्रस्ताव लाने का नियम
जानकारी के लिए बता दें कि जो भी सांसद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाता है उसे ऐसा प्रस्ताव देने के लिए सदन का अनिमति मांगनी पड़ती है. जिस दिन सांसद प्रस्ताव लाएगा उस दिन सुबह 10 बजे तक लोकसभा के महासचिव को प्रस्ताव की लिखित सूचना देनी होगी.
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