विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दी कनाडा को नसीहत, ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच का हिंसा भड़काने के लिए न हो इस्तेमाल’

KNEWS DESK- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीते 29 सितंबर को कहा कि भारत को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता यानी बोलने की आजादी की अवधारणा पर दूसरों से सीखने की जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि उनका इशारा कनाडा की तरफ था, जिसके साथ इन दिनों भारत का राजनयिक टकराव देखने को मिल रहा है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ‘मैंने अमेरिका में भी ये बातें कही हैं और मैं कनाडाई लोगों से भी कहना चाहता हूं. हम एक लोकतांत्रिक देश हैं. हमें दूसरे लोगों से ये सीखने की जरूरत नहीं है कि अभिव्यक्ति की आजादी क्या है, लेकिन हम लोगों को बताना चाहते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी हिंसा भड़काने के स्तर तक नहीं होनी चाहिए. हमारे लिए आजादी का गलत इस्तेमाल है. ये स्वतंत्रता की रक्षा नहीं है.’

पूछा ये सवाल

विदेश मंत्री ने आगे एक सवाल किया कि अगर भारत की जगह कोई और देश होता, तो वह किस तरह बर्ताव करता? जहां आपके राजनयिकों, दूतावासों और नागरिकों को हमेशा डर के माहौल में जीना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘आप अगर मेरी जगह होते, तो कैसे रिएक्ट करते? यदि वो आपके राजनयिक, आपका दूतावास, आपके लोग होते, तो आपका रिएक्शन कैसा होता?’ दरअसल, कनाडा में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों की वजह से सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं।

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दूतावास पर हमले को लेकर यूएस संग बात

वहीं, जब विदेश मंत्री जयशंकर से सवाल किया गया कि जुलाई में इस साल सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे. इस पर जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे को अमेरिका के सामने उठाया गया है. उन्होंने कहा, ‘हमने इस मुद्दे को उठाया है. अब आप पूछेंगे कि इसका स्टेटस क्या है, तो अभी बातचीत चल रही है. मैंने इस मुद्दे पर समय दिया है. हमने अन्य मुद्दों पर भी बात की है. बहुत से मुद्दों पर हम एक साथ हैं.’

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