भारत का संदेश- पाकिस्तान पर अमेरिका ना करें विश्वास

KNEWS DESK-  भारत ने अमेरिका को सीधे तौर पर आगाह करते हुए कहा है कि पाकिस्तान पर किसी तरह का भरोसा ना करें|  पाकिस्तान हथियार और तकनीक के मामले में बिल्कुल विश्वास करने लायक नहीं है यदि पाकिस्तान पर अमेरिका ने भरोसा किया तो यह भारी पड़ सकता है क्योंकि वह तकनीक और हथियार दोनों का दुरुपयोग कर क्षेत्रीय स्थिरता ला सकता है| भारत की तरफ से यह बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक भारत और अमेरिका के बीच के दौरान कही गई|

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री के समक्ष यह चिंता व्यक्त की| यदि अमेरिका ने पाकिस्तान को हथियार दिए तो वह उसका गलत इस्तेमाल कर सकता है.. आपको बता दें कि अमेरिका के रक्षा मंत्री इन दिनों भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं अमेरिकी रक्षा मंत्री का यह दौरा इसलिए बेहद महत्वपूर्ण और भी माना जा रहा है क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 21 जून से 24 जून के बीच अमेरिकी दौरे पर रहेंगे और वहां वह तमाम रक्षा सौदों को लेकर अमेरिका से बात भी करेंगे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री ने उन्हें भरोसा जताया कि इस मुद्दे पर वह गंभीरता से विचार करेंगे|

आपको बता दें कि अमेरिकी दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही 414 जेट इंजन के सौदे पर अंतिम मोहर लगा सकते हैं मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान इसका ऐलान भी किया जा सकता है जी 414 आई एन एस सिक्स इंजन है जनरल इलेक्ट्रिक के प्रस्ताव के अलावा भारत की ओर से 30 mq-9 D armed ड्रोन खरीदने की योजना है लगभग 3 अरब डॉलर के सौदा प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे पर होना लगभग तय माना जा रहा है|  मशीन को लेकर के भी भारत में अमेरिका को अपना संदेश साफ कर दिया है बीते अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिकी दौरे पर थे जहां उन्होंने फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास की ओर से आयोजित एक स्वागत समारोह में तल्ख टिप्पणी करते हुए सीधे तौर पर बिना नाम लिए हुए चीन को चेतावनी दे दी थी कि यदि भारत को छेड़ा तो छोड़ेंगे नहीं उनका साफ संकेत चीन की तरफ था क्योंकि लगातार बीते कई दिनों से भारत और चीनी सेना में विवाद जारी है रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान को लेकर भी अमेरिकी रक्षा मंत्री ने इस बैठक के दौरान कहा कि उन्होंने चीन की यात्रा के दौरान उनसे बात की थी और अमेरिका ने संदेश भी दिया है कि वह नहीं चाहता कि दोनों देशों के बीच कोई विवाद हो, यह आपसी समन्वय से बैठकर इस मसले को दूर करे वो अमेरिका भी चाहता है|

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