गन्ने पर सियासी “गदर”

पंजाब के ‘किसान प्रेम’ और गन्ना मूल्य को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासी गदर कटी है। पंजाब सरकार ने किसानों की शर्तें मान लीं हैं जिसके बाद पंजाब में गन्ने का दाम हरियाणा से भी अधिक हो गया है। पंजाब में गन्ने का दाम में एक साथ 50 रुपये क्विंटल की वृद्धि कर दी गई है। यूपी में चार साल में सिर्फ 10 रुपये क्विंटल दाम बढ़ा है इसी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पंजाब में गन्ने की कीमत 360 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने के फैसले को लेकर यूपी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने कहा है कि भाजपा सरकार ने बीते 3 साल में फूटी कौड़ी नहीं बढ़ाई। जबकि सरकार में आने से पहले 400 रुपए गन्ना मूल्य करने का वादा किया था। उधर, गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने प्रियंका गांधी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पार्टी को मुद्दाविहीन और फ्रस्टेशन का शिकार पार्टी बताया। कुल मिलाकर कांग्रेस शासित पंजाब ने अपने एक दांव से उत्तर प्रदेश सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। जिसके बाद प्रदेश में सियासी उठापटक चरम पर पहुंचे रही है। विपक्ष के हमलावर होने के बाद योगी ने भी तगड़ा दांव खेलते हुए किसानों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित कर 150 किसानों से सीधे संवाद किया और विपक्ष की धार को थोथरा करने का प्रयास किया। जिसे विपक्ष राजनैतिक चश्मे से देख रहा है।

पंजाब का दांव, यूपी सरकार पर दबाव

सियासी उठा पटक और पंजाब सरकार का गन्ना किसानों को राहत देने के बाद यूपी में योगी सरकार पर दबाव बढ़ गया है। योगी आदित्यनाथ ने राजधानी में प्रदेश भर से आए डेढ़ सौ किसानों से मुलाकात कर संवाद किया। मुख्यमंत्री आवास पर शाम 4 बजे किसानों से संवाद का कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में आए किसानों ने सरकार द्वारा उठाए कदमों के लिए सीएम को धन्यवाद दिया। वहीं सीएम योगी को किसानों की बेहतरी के लिए अपने सुझाव भी दिए जिसे सीएम ने गंभीरता से सुना। किसानों के डेलिगेशन में किसान नेता और वैज्ञानिक विधि से खेती करने वाले उन्नत किसान भी मौजूद रहे। योगी सरकार में गन्ना मंत्री सुरेश राणा और भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष भी सीएम के साथ मौजूद रहे। एन मौके पर सीएम के किसान संवाद को लेकर विपक्ष इसे राजनीतिक रंग दे रहा है।

कांग्रेस का वार, बीजेपी का पलटवार

प्रियंका ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए ट्वीट कर कहा कि भाजपा सरकार ने बीते 3 साल में फूटी कौड़ी नहीं बढ़ाई। जबकि सरकार में आने से पहले 400 रुपए गन्ना मूल्य करने का वादा किया था। अब यदि कोई किसान आवाज उठाता है तो उसे देख लेने जैसी धमकी दी जाती है। उधर, गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने प्रियंका गांधी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा, कांग्रेस महासचिव किसान नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी मुद्दाविहीन और फ्रस्टेशन का शिकार पार्टी है। राजनीति के लिए आलोचना करना उचित नहीं है।

केन्द्र ने भी बढ़ा रेट

पंजाब सरकार के फैसले के बाद हरकत में आई यूपी के बाद केंद्र सरकार ने भी गन्ने की एफआरपी 5 रुपए प्रति कुंटल बढ़ा दी है। किसानों की मांग जिसमें कहा गया था कि डीजल की महंगाई के अनुपात में होनी चाहिए बढ़ोतरी। उसी के आधार पर केंद्र सरकार ने गन्ने की एफआरपी में 5 रुपए कुंटल की बढ़ोतरी करते हुए कहा कि इससे किसानों को लागत पर 87 फीसदी ज्यादा लाभ मिलेगा। एफआरपी वो रेट होता है, जिससे नीचे चीनी मिलें गन्ने का भुगतान नहीं कर सकती हैं। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने देश में गन्ना किसानों के लिए एफआरपी बढ़ाने का फैसला किया है। किसानों को अब 290 रुपए प्रति कुंटल का रेट मिलेगा। सरकार के दावे के मुताबिक बढ़ी हुई एफआरपी के बाद किसानों को अगले साल इस वर्ष 91000 करोड़ की तुलना में करीब एक लाख करोड़ रुपए मिलेंगे।

तीन साल से नहीं बढ़ी दरें

योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद 2017-18 के सीजन में गन्ने का मूल्य 10 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया था और तब से यही कीमतें बनी हुई हैं। अगर पिछली सरकारों की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने कार्यकाल के दौरान कीमतों में 92 फीसदी बढ़ोतरी की गई थी। वहीं सपा सरकार में 27 फीसदी गन्ना के मूल्य बढ़ाए गए थे।सियासी गदर कटने के बाद आखिरकार यूपी के साथ ही केन्द्र सरकार भी हरकत में आ गई है और पीएम मोदी ने गन्ने का मूल्य बढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि केन्द्र और राज्य सरकारों के इस कदम के बाद विपक्ष का अगला कदम क्या होगा।

About Post Author