अमेठी में दम तोड़ रही खेल की प्रतिभा

रिपोर्ट- रणविजय सिंह

उत्तर प्रदेश, अमेठी। भारत सरकार खेलो इंडिया खेलो के तहत युवाओं को खेल की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक कदम उठा रही है। युवाओं को खेलने के लिए लगातार प्रेरित कर रही है। इसी मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लखनऊ से खेलो इंडिया खेलो के तहत मशाल जुलूस निकालकर युवाओं को खेल की दुनिया में आगे बढ़ने का संदेश दिया था। लेकिन उत्तर प्रदेश के वीवीआईपी जनपद एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का संसदीय क्षेत्र अमेठी में खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पा रहा है। जबकि अमेठी जिले के प्रभारी मंत्री गिरीश चंद्र यादव स्वयं उत्तर प्रदेश सरकार में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बराबर जिले का दौरा करते रहते हैं।

दरअसल आपको बता दें कि जनपद के इकलौते स्टेडियम डॉक्टर भीमराव अंबेडकर स्टेडियम अमेठी कस्बे से उत्तर मुंशीगंज रोड पर स्थित है। जहां पर छात्रावास भी बना हुआ है बाहर से आए खिलाड़ी भी यहां रहते हैं। यहां पर खिलाड़ियों की प्रैक्टिस कराई जाती है । यहां पर क्रिकेट, खो खो, कबड्डी, वालीवाल, फुटबॉल, स्विमिंग, बैडमिंटन, टेनिस, जिम इत्यादि की पूरी व्यवस्था है। लेकिन स्विमिंग पूल और बैडमिंटन दोनों खेल लंबे समय से बंद चल रहा है जिसके कारण स्थानीय युवा खिलाड़ियों को बड़ी ही समस्या का सामना करना पड़ रहा है। खिलाड़ी बताते हैं कि पिछले वर्ष अक्टूबर से ही बैडमिंटन और तरणताल दोनों बंद है। हम लोग मंडल स्तर तक खेले हैं हमारी प्रैक्टिस यही होती है । लेकिन लंबे समय से बंद होने के चलते हम लोगों की प्रैक्टिस नहीं हो पा रही है और कहीं ना कहीं हम लोग पिछड़ते चले जा रहे हैं। प्रारंभ में जब स्थानीय खिलाड़ी यहां पर खेलने आते थे तो उनसे पंजीकरण के नाम पर 2000 शुल्क लिया जाता था। जिसमें ₹1000 पति बच्चे प्रतिमाह की दर से शुल्क होता था और ₹1000 प्रोत्साहन शुल्क के नाम पर लिया जाता था। बाद में बच्चों को देखकर जब जिला स्तरीय कुछ अधिकारी खेलने के लिए आने लगे तब इन बच्चों से लिया जाने वाला शुल्क घटाकर 350 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया और उसके कुछ दिन बाद यह कहकर पूरी तरह से बंद कर दिया गया कि अभी कायाकल्प होने के बाद बैडमिंटन कोर्ट हैंडोवर नहीं हुआ है। इसलिए अभी इसमें खेला नहीं जा सकता है। तब से लेकर अब तक लगभग 8 माह बीत चुके हैं खिलाड़ी लगातार संपर्क करते रहते हैं लेकिन उन्हें अब तब कह कर टाल दिया जाता है और खेलने का मौका नहीं दिया जाता है। हालांकि क्रिकेट वॉलीबॉल फुटबॉल कबड्डी इत्यादि के खेल चल रहे हैं लेकिन बैडमिंटन और स्विमिंग के खिलाड़ी पिछले 8 महीनों से लगातार निराश होकर वापस चले जाते हैं। यही नहीं यहां पर तमाम तरह की अव्यवस्थाओं का बोलबाला भी है। यहां पर खेलने वाले खिलाड़ियों को पीने तक का पानी भी नसीब नहीं होता है । एक ही इंडिया मार्का हैंडपंप लगा है जो पूरी तरह से खराब पड़ा हुआ है । उसमें से पानी नहीं निकलता है और जब निकलता भी था तो खिलाड़ी बताते हैं कि बिल्कुल काला पानी बिल्कुल काला होता था। उस पानी पीने को कौन कहे उससे हाथ मुंह तुलना भी दुष्कर था। यही नहीं यहां पर जिला क्रीड़ा कार्यालय होने के बावजूद जिला क्रीड़ा अधिकारी की मौजूदगी ही नहीं रहती है। हमारे संवाददाता ने जब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर स्टेडियम अमेठी का जायजा लिया तो पता लगा कि जिला क्रीड़ा अधिकारी पिछले 1 महीने से चिकित्सकीय अवकाश पर हैं और उप जिलाधिकारी भी छुट्टी पर गए हुए हैं । ऐसे में जिले के इन्ही लापरवाह अधिकारियों के ही चलते जनपद के युवाओं को खेल का मौका नहीं मिल पा रहा है। खिलाड़ियों ने स्थानीय प्रशासन सहित सरकार से मांग की है कि जो भी अवस्थाएं हैं उनको दूर कर जल्द ही इस स्टेडियम में बैडमिंटन और तरणताल को शुरू किया जाए जिससे तैराकी और बैडमिंटन के खिलाड़ियों को हो रही समस्याओं से निजात मिल सके। जब वहां पर मौजूद लोगों से बात की गई तब पता चला की बैडमिंटन कोर्ट और तरणताल के हैंड ओवर की फाइल जिला मुख्य विकास अधिकारी के स्तर पर पहुंच चुकी है और अभी वहीं पर लंबित है इस मामले में जब सीडीओ अमेठी सानिया छाबड़ा से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया हालांकि दूरभाष पर उन्होंने बताया कि एक हफ्ते में यह हैंडोवर हो जाएगा और खेल शुरू हो जाएगा।

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