KNEWS DESK- दुनियाभर में हर जगह इस समय चैत्र नवरात्रि की धूम चल रही है| 9 अप्रैल से शुरू हुए चैत्र नवरात्रि का कल यानि 17 अप्रैल को समापन होगा| नवरात्रि में लोग नौ दिन उपवास रहने के बाद अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करते हैं| कन्या को देवी मां का रूप माना जाता है| माना जाता है कि कन्याओं को भोजन कराने से सारे संकट दूर होते हैं और घर में सुख-शान्ति बनी रहती है|
कन्या पूजन में नौ या तीन कन्याओं का सम्मान किया जाता है, जिन्हें मां दुर्गा का अवतार माना जाता है| ये कन्याएं सात से नौ वर्ष की होती हैं और उन्हें पूजनीय माना जाता है क्योंकि वे पवित्रता का प्रतीक होती हैं| इस पूजा में कन्याओं के चरणों को धोकर पूजा जाता है, और उन्हें आसन पर बिठाकर मिठाई, फल, चावल, और धन्य दान किया जाता है| इसके बाद उन्हें वस्त्र और बांधने के नर्म नए वस्त्र प्रदान किए जाते हैं| कुछ लोग कन्या पूजन अष्टमी पर भी करते हैं| इस पूजा के माध्यम से न केवल मां दुर्गा की पूजा होती है, बल्कि यह समाज में बालिकाओं का सम्मान और संरक्षण भी प्रदर्शित करता है|
कन्या पूजन का महत्व
कन्या पूजन का महत्त्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक माध्यम माना जाता है और समाज में बालिकाओं के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ावा देता है|