148 साल बाद शनि जयंती पर लगा सूर्यग्रहण, जानिए ऐसा हुआ क्यों

आज गुरुवार को ज्येष्ठ महीने की अमावस्या होने के कारण शनि जयंती मनाई जाएगी. ज्योतिषी की बात करे तो उन्होने कहा है कि ये अमावस्या केतु ग्रह की भी जन्म तिथि है. इस साल शनि जयंती पर ग्रहों की महत्तपूर्म स्थिति बन रही है. जहां इस बार वृष राशि में सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु के होने से चतुर्ग्रही योग बन रहा है. आज शनि जयंती पर सूर्यग्रहण होने से सूर्य-शनि यानी पिता-पुत्र का दुर्लभ योग भी बन रहा है. ग्रहों की शुभ स्थिति का असर देश पर पड़ेगा.

दरअसल ज्योतिषियों के अनुसार 148 साल बाद शनि जयंती पर सूर्यग्रहण हो रहा है. इससे पहले की जात करें तो 26 मई 1873 को ऐसा संयोग बना था लेकिन आज गुरुवार को होने वाला सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इसका अशुभ असर भी नहीं होगा.

चलिए जानते हैं क्या करने से हम शनिदेव को खुश कर सकते हैं. 

शनि जयंती पर्व पर भगवान शनिदेव को तिल का तेल चढ़ाना चाहिए.

इसके साथ ही काला कपड़ा भी चढ़ाएं.

शमी पेड़ के पत्ते और अपराजिता के नीले फूल खासतौर से इनकी पूजा में शामिल करना चाहिए.

तिल, उड़द, काला कंबल, बादाम, लोहा, कोयला इन वस्तु ओं पर शनि का प्रभाव होता है, इसलिए शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए संध्या के समय इनका दान करना चाहिए.

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