किसकी कितनी तैयारी, कौन कितना भारी !

Knews Desk, उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में 19 अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले नामांकन की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। उत्तराखंड में इस बार कुल 63 नामांकन दाखिल हुए। हांलाकि अभी नामांकन पत्रों की जांच और 30 मार्च को नाम वापसी के बाद ही प्रत्याशियों की अंतिम स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। वहीं इस चुनाव में देखने को मिला कि चुनाव लड़ रहे अधिकांश नेता करोड़पति और लखपति है। ये हाल उस पहाड़ प्रदेश उत्तराखंड के हैं जहां कुछ जिलों में राज्य गठन के बाद अबतक प्रति व्यक्ति आय एक लाख भी नहीं पहुंच पाई है। ऐसे प्रदेश के नेता लखपति और करोड़पति है। ये बात खुद तमाम नेताओं ने नामांकन के दौरान अपने शपथ पत्र में कही है। कुछ प्रमुख नेताओं के शपथ पत्र के हिसाब से देखें तो इसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत की सात साल में चल और अचल संपत्ति में रिकॉर्ड 342 फीसदी का इजाफा हुआ है। जबकि टिहरी लोकसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी और वर्तमान सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह के पति और परिवार की संपत्ति पिछले पांच साल में 23.35 करोड़ बढ़ी है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला बीते 12 साल में लखपति से करोड़पति बन गए हैं। उनकी संपत्ति में छह गुना तक का इजाफा होते हुए उनकी संपत्ति 56.86 लाख से बढ़कर 3.36 करोड़ रुपये हो गई है, वहीं दो साल में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और उनकी पत्नी की चल अचल संपत्ति में 33 फीसदी की वृद्धि हुई। उनकी संपत्ति 54 करोड़ से बढ़कर 72 करोड़ रुपये हो गई है। इसके अलावा भी अधिकांश नेताओँ की संपत्ति में कई कई गुना का इजाफा देखने को मिल रहा है। सवाल ये है कि एक तरफ जहां राज्य के कुछ जनपदों में प्रति व्यक्ति आय एक लाख रुपए भी नहीं पहुंच पाई है तो वहीं दूसरी ओर नेताओं की संपत्ति में कई गुना का इजाफा देखने को मिल रहा है सवाल ये है कि क्या जनता के विकास से ज्यादा नेताओं ने अपने विकास पर ध्यान दिया

पहाड़ प्रदेश उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों को जीतने के लिए सभी दलों और नेताओं की तैयारियां जोरों शोरों पर है। चुनाव नजदीक आते ही तमाम नेताओं ने जनता से विकास के दावे शुरू कर दिएं है। राज्य की पांच लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है। उत्तराखंड में इस बार कुल 63 नामांकन दाखिल हुए हैं। वहीं इस चुनाव में देखने को मिला कि चुनाव लड़ रहे अधिकांश नेता करोड़पति और लखपति है। ये हाल उस पहाड़ प्रदेश उत्तराखंड का हैं जहां कुछ जिलों में राज्य गठन के बाद अबतक प्रति व्यक्ति आय एक लाख भी नहीं पहुंच पाई है। वहीं भाजपा के प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत की सात साल में चल और अचल संपत्ति में रिकॉर्ड 342 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं भाजपा प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह के पति और परिवार की संपत्ति पिछले पांच साल में 23.35 करोड़ बढ़ी है। कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला बीते 12 साल में लखपति से करोड़पति बन गए हैं। इसके अलावा दो साल में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और उनकी पत्नी की चल अचल संपत्ति में 33 फीसदी की वृद्धि हुई। वहीं इस आंकड़े के सामने आने के बाद भाजपा-कांग्रेस ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप शुरू कर दिया है

वीओ-2-आपको बता दें कि हाल ही में धामी सरकार की ओर से आर्थिक सर्वेक्षण की सदन में रिपोर्ट पेश की गई थी. जिसमें खुलासा हुआ है कि प्रति व्यक्ति आय में मैदान से एक दशक पीछे पहाड़ चल रहे है। रिपोर्ट के अनुसार रुद्रप्रयाग और बागेश्वर आज भी ऐसे जिले हैं जिनकी प्रति व्यक्ति आय अभी तक एक लाख भी नहीं पहुंच पाई है। इतना ही नहीं राज्य में लगातार कर्ज का बोझ भी बढ़ता जा रहा है…75 हजार करोड़ से अधिक के कर्ज की वजह से उत्तराखंड में पैदा होने वाला बच्चा भी कर्जदार है। राज्य के हर व्यक्ति पर तकरीबन 70 हजार रुपये से ज्यादा कर्ज है। वहीं आम जनता का कहना है कि यदि बजट का सही से उपयोग हो तो राज्य का विकास तेजी से हो सकता है

कुल मिलाकर एक तरफ जहां नेताओं की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है तो दूसरी ओर आम जनमानस बेरोजगारी, महंगाई से परेशान है। आम जनता जहां विकास की आस लगाई बैठी है तो दूसरी ओर विकास प्रदेश से ज्यादा नेताओं का होता दिख रहा है

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