पहाड़ में पर्यटन पर फोकस

देहरादून। पर्वतीय राज्य होने और भारत के प्रमुख चार धाम होने के कारण उत्तराखंड पर्यटन की दृष्टि से अपने आप में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हुए पहाड़ों पर पर्यटन का अधिक से अधिक विस्तार हो सके इसे लेकर नई पर्यटन पॉलिसी का खाका तैयार किया गया है और गुरुवार को धामी कैबिनेट के सामने नई पर्यटन पॉलिसी का प्रस्तुकरण भी किया गया। इस नई पर्यटन नीति में पर्यटन के लिहाज से नए शहरों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। जिसके तहत ऐसे शहर जहां अभी पर्यटन से संबंधित गतिविधियां अधिक नहीं है उन शहरों में निवेश करने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार नई पर्यटन नीति मैकेंजी ग्लोबल एजेंसी की ओर से तैयार की गयी है। जिसे गुरुवार को कैबिनेट के सामने रखा गया। बताया जा रहा है कि इस नीति में शहरो के तीन श्रेणियों में बाँटा गया है। और इन श्रेणियों में तवज्जो नए शहरों को दी गई है।

ए कैटेगीरी में हरिद्वार,मसूरी,देहरादून,नैनीताल जैसे शहरों को रखा  गया है। इन शहरो में पर्यटन सेक्टर में निवेश करने पर कम प्रोत्साहन मिलेगा।

बी कैटेगरी में कैसानी,रानीखेत,लैंसडोन,खिर्सू,धनौल्टी जैसे क्षेत्रो को रख गया है। इन क्षेत्रो मे ए केटीगिरी वाले क्षेत्रो से अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।

यह सी कैटेगरी की बात की जाए तो इसके अंतर्गत गंगोलीहाट,बेरीनाग,पिथौरागढ़ में ही राज्य के दूसरे अनछुए क्षेत्रों को रखा गया है। ये वही क्षेत्र है जहां सबसे अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।

इसका उद्देश्य सिर्फ इतना है कि पर्यटकों की आने वाली भीड़ सिर्फ और सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित न रहे।धामी सरकार की अगली कैबिनेट बैठक में नई पर्यटन नीति को रखा जाएगा।

About Post Author