विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझता प्रदेश

देहरादून, उत्तराखण्ड पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां स्वास्थ्य से संम्बन्धित उपचार मिलना हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है। हाल ये है कि प्रदेश में आवश्यकता से कम विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। प्रदेश में 1236 चिकित्सक के पदों पर केवल 526 चिकित्सक ही तैनात हैं। हालांकि इन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने वाॅक इन इंटरव्यू शुरू किया है। जिससे विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा। इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों को चार लाख रुपये तक देने की व्यवस्था भी की गयी है। इस संबंध में सदन में विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक वीरेन्द्र कुमार ने प्रदेश में चिकित्सकों की कमी का सवाल उठाया, इसके जवाब में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सकों के 2856 पदों में 2442 चिकित्सक अभी अपनी सेवाएं दे रहे हैं बाकी के शेष पदों 414 पद अभी रिक्त हैं लेकिन इन्हे जल्द ही भर लिया जाएगा इसके लिए अप्रैल माह तक 300 एमबीबीएस चिकित्सकों को विभिन्न अस्पतालों में तैनात कर दिया जायेगा। 22 मार्च तक मुख्यमंत्री द्वारा इन्हें नियुक्ति पत्र भी सौंप दिया जायेगा। सदन में कुछ अन्य विधायकों ने भी अपने-अपने क्षेत्र के विभिन्न अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी को बताया। इसपर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चिकित्सक उपलब्ध होने पर उनके क्षेत्रों के अस्पतालों में तैनात कर दिया जायेगा। एक अन्य विधायक अनिल नौटियाल के सवाल पर प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में जल्द ही उप चिकित्सालय खोले जाने की घोषणा की।

About Post Author