स्मार्ट सिटी का आगाज, विपक्ष क्यों नाराज !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में स्मार्ट सिटी के कार्यों पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच सीएम धामी ने अपने कार्यों से सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। दअरसल देहरादून में स्मार्ट सिटी के कार्य तेज गति से पूरे होने की दिशा में है….सड़कों को साफ सुधरा बनाने के साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने, पार्कों के सौंदरीयकरण समेत तमाम कार्य अंतिम चरण में है….स्मार्ट सिटी के तहत शहर में चल रहे कछुआ चाल से दूनवासी परेशान थे…सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष के नेता भी स्मार्ट सिटी के कार्यों पर सवाल उठा रहे थे…लेकिन अब यही लोग स्मार्ट सिटी के कार्यों की सराहना करते हुए नजर आ रहे हैँ। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को गढ्ढा मुक्त सड़क बनाने, शहर को सुंदर बनाने समेत सभी कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए थे…लापरवाह अधिकारियों पर मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी….मुख्यमंत्री की इस सख्ती का धरातल पर सकारात्मक असर भी देखने को मिला और जो स्मार्ट सिटी के कार्य पिछले पांच सालों में नहीं हुए वो कुछ ही दिनों में पूरे होते हुए देखने को मिल रहे हैं… हांलाकि विपक्ष अभी भी सवाल खड़े कर रहा हे…कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर समय रहते स्मार्ट सिटी के कार्यों को पूरा नहीं करवाया….सरकार इंवेस्टर्स समिट और लोकसबा चुनाव नजदीक आते ही कार्यों को करा रही है….इस दौरान कांग्रेस ने सरकार पर भेदभाव का आरोप भी लगाया.. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि शहर को सुंदर बनाने के लिए जो पेंटिंग बनाई जा रही है। उसमें ना तो संविधान निर्माता डॉ भीम राव अंबेडकर है. ना ही पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पंडित जवाहर लाल नेहरू और ना ही इंदिरा गांधी की तस्वीर है जिससे साफ है कि सरकार भेदभाव की नीति के तहत कार्य कर रही है…सवाल ये है कि आखिर जब स्मार्ट सिटी के कार्य पूरे होने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं तो ऐसे में भी सवाल खड़े करना कितना सही है

ये चमचमाती सड़कें, ये शानदार पेंटिंग, ये साफ सुधरी सड़कें कही और की नहीं ये सब राजधानी देहरादून की तस्वीरें है.. जीं हां ये सब साकार हो रहा है। स्मार्ट सिटी लि. देहरादून के तहत दअरसल कुछ दिनों पहले तक जिस स्मार्ट सिटी के कार्यों पर सवाल उठ रहे थे….उसी स्मार्ट सिटी के कार्यों की अब सराहना हो रही है। सरकार का दावा है कि स्मार्ट सिटी के कार्य अंतिम चरण में है…..शहर की सड़कों को गडढ़ा मुक्त बनाने के साथ ही सडकों को साफ सुधरा बनाने, शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने, पार्कों के सौंदरीयकरण समेत तमाम कार्य अंतिम चरण में है….आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को गढ्ढा मुक्त सड़क बनाने, शहर को सुंदर बनाने समेत सभी कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए थे…लापरवाह अधिकारियों पर मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी….मुख्यमंत्री की इस सख्ती का धरातल पर सकारात्मक असर भी देखने को मिला और जो स्मार्ट सिटी के कार्य पिछले पांच सालों में नहीं हुए वो कुछ ही दिनों में पूरे होते हुए देखने को मिल रहे हैं… हांलाकि विपक्ष अभी भी सवाल खड़े कर रहा हे…कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर समय रहते स्मार्ट सिटी के कार्यों को पूरा नहीं करवाया….सरकार इंवेस्टर्स समिट और लोकसबा चुनाव नजदीक आते ही कार्यों को करा रही है….

आपको बता दें कि देहरादून में आठ व नौ दिसंबर को धामी सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजन करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि इस समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जबकि समापन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे…..निवेशक सम्मेलन में देश के बड़े उद्योगपति भी आएंगे…वहीं सरकार का अनुमान है कि 8000 से अधिक लोग इस समिट में शामिल होंगे…इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देहरादून पहुंचने पर उनके स्वागत में 1000 लोगों की मानव श्रृंखला भी बनाई जाएगी। साथ ही मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, संजीव पुरी, सज्जन जिंदल, बाबा रामदेव, बनमाली अग्रवाल व चरनजीत बैनर्जी जैसे दिग्गज उद्योगपति भी इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे

कुल मिलाकर उत्तराखंड में एक बार फिर स्मार्ट सिटी के कार्यों पर सवाल खड़े हो गए हैं…हांलाकि अब सवाल कार्यों के पूरा करने को लेकर हैं….विपक्ष ने एक तरफ जहां स्मार्ट सिटी के कार्यों पर सवाल उठाने के साथ ही संविधान निर्माता डॉ भीम राव अंबेडकर, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ ही इंदिरा गांधी की अंदेखी का भी आरोप लगाया है…सवाल ये है कि क्या धामी सरकार भेदभाव की नीति से कार्य कर रही है।क्या इंवेस्टर्स समिट की बदौलत ही शहर में ये चकाचौंद देखने को मिल रही है। क्या सरकार ने जानबूझकर स्मार्ट सिटी के कार्यों में लेटलतीफी की है

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