पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के लिए खोला पिटारा.. जानें बजट की खास बातें

देहरादून,  उत्तराखण्ड सरकार ने 15 मार्च को वित्तीय वर्ष 2023-2024 का बजट सदन में पेश किया. इस बार बजट सत्र का आयोजन राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में किया गया. जहां सत्र के तीसरे दिन धामी सरकार ने राज्य का 77407.84 करोड़ का नया बजट पेश किया है.  बजट में रोजगार, निवेश और पयर्टन पर फोकस किया गया है.

  1. उद्यान विभाग के लिए

वर्ष 2023-2024 में उद्यान विभाग में कुल 815.66 करोड़ का प्राविधान किया गया है. पॉलीहाउस हेतु 200 करोड़ का प्राविधान किया गया है. मिशन एप्पल योजना के अन्तर्गत 35 करोड़ का प्राविधान किया गया है. राजकीय नियुक्तियों के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी गयी है. जिस हेतु राज्य लोक सेवा आयोग के अन्तर्गत रू 133.53 करोड़ का प्राविधान किया गया है.

 

2. उद्योग विभाग के लिए

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू 461.31 करोड़ का प्राविधान किया गया है. वर्क फोर्स डेवलपमेंट के लिए 100 करोड़ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु 40 करोड़. प्रमोशन ऑफ, इंवेस्टमेंट स्टार्ट अप और एंटरप्रेन्योरशिपयोजना के लिए 30 करोड़ का प्राविधान किया गया है. विभिन्न नीतियों के तहत उद्योगों को अनुदान हेतु 26 करोड़ का प्राविधान किया गया है.

 

3. पर्यटन विभाग

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 302.04 करोड़ का प्राविधान किया गया है. उत्तराखण्ड राज्य पर्यटन विकास परिषद हेतु 63.00 करोड़ का प्राविधान किया गया है. पर्यटन विकास हेतु अवस्थापना निर्माण के हेतु 60.00 करोड़ का प्राविधान किया गया है. टिहरी झील का विकास के निर्माण हेतु 15.00 करोड़ का प्राविधान किया गया है.चार धाम यात्रा/मार्गों पर आधारभूत सुविधाओं का निर्माण/विकास हेतु 10.00 करोड़ का प्राविधान किया गया है.पर्यटन विभाग अन्तर्गत चारधाम एवं विभिन्न स्थानों हेतु भूमि क्रय हेतु 50 करोड़ का प्राविधान किया गया है.

4. शिक्षा एवं युवा कल्याण विभाग में

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 10459.55 करोड़ का प्राविधान किया गया है. उत्कृष्ट क्लस्टर विद्यालय हेतु 51 करोड़ का प्राविधान किया गया है. मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना में छात्रवृत्ति हेतु 11 करोड़ का प्राविधान किया गया है. पीएम श्री योजना हेतु 92.78 करोड़ का प्राविधान किया गया है.

5. कृषि विभाग में

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 1294.15 करोड़ का प्राविधान किया गया है. मिलेट मिशन हेतु 15 करोड़ का प्राविधान किया गया है. स्थानीय फसलों में प्रोत्साहन हेतु 20 करोड़ का प्राविधान किया गया है.

 

6. स्वास्थ्य विभाग में

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 4217.87 करोड़ का प्राविधान किया गया है. अटल आयुष्मान हेतु 400 करोड़ का प्राविधान किया गया है. मेडिकल कॉलज तथा नर्सिंग कॉलेज के निर्माण हेतु 400 करोड़ का प्राविधान किया गया है।

 

7. समाज कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण विभाग में

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 2850.24 करोड़ का प्राविधान किया गया है. निराश्रित विधवा पेंशन हेतु 250 करोड़ का प्राविधान किया गया है. किसान पेंशन योजना हेतु 35 करोड़ का प्राविधान किया गया है. नंदा गौरा योजना हेतु 282.50 करोड़ का प्राविधान किया गया है. मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान योजना हेतु लगभग 26.72 करोड़ का प्राविधान किया गया है. मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना हेतु 23 करोड़ का प्राविधान किया गया है. मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना हेतु 19.95 करोड़ का प्राविधान किया गया है.

 

8. विकेन्द्रीकृत विकास

जिला योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 925.60 करोड़ का प्राविधान किया गया है, जो कि गत वर्ष से लगभग 26 प्रतिशत अधिक है.स्थानीय निकायों के समनुदेशन हेतु 3343 करोड़ का प्राविधान है.

 

9. लोक निर्माण विभाग में

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 2791.83 करोड़ का प्राविधान किया गया हैं. रख-रखाव हेतु अनुरक्षण मद में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 430.67 करोड़ के प्राविधान के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023-24 में 850.47 करोड़ का प्राविधान किया गया है. नव-निर्माण करने हेत वृहद्ध निर्माण मद में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1244.80 करोड़ के प्राविधान के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1318.30 करोड़ का प्राविधान किया गया है.

 

10. ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत वित्तीय

वर्ष 2023-24 में कुल 1251.33 करोड़ का प्राविधान किया गया है. लखवाड़ परियोजना के अन्तर्गत रू 500 करोड़ का प्राविधान किया है.

11. सिंचाई विभाग के अन्तर्गत

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 1443.42 करोड़ का प्राविधान किया गया है. देहरादून पेयजल हेतु सौंग डैम के अन्तर्गत रू 110 करोड़ का प्राविधान किया गया है

12. जोशीमठ व अन्य स्थानों में भू-धंसाव व अन्य के अन्तर्गत राहत कार्य हेतु 1000 करोड़ का प्राविधान है

13. जी-20 समिट हेतु 100 करोड़ का प्राविधान

14. राज्य के विभिन्न विभागों में अवस्थापना कार्य हेतु रू 1300 करोड़ का प्राविधान है.

15. अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान हेतु रू 215 करोड़ का प्राविधान है.

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