नई स्क्रैप योजना के तहत पुराने डीजल ऑटो और विक्रम को बाहर करने की तैयारी

देहरादून, राजधानी देहरादून में बढ़ते ट्रेफिक के चलते जहां सड़कों पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है वहीं इनसे निकलते धुएं से लगातार शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने का एक कारण यहां डीजल चालित पुराने ऑटो, विक्रम भी हैं। अगर शहर की यही स्थिति बनी रहती है तो आने वाले कुछ सालों में राजधानी का प्रदूषण स्तर महानगरों जितना हो जायेगा। इसलिए इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने इस ओर ठोस कदम उठाये हैं जिसमें अब देहरादून और हरिद्वार में डीजल से चलने वाले विक्रम, ऑटो  को हटाया जायेगा। 10 वर्ष पुराने डीजल चलित ऑटो , विक्रम को 31 मार्च के बाद सड़को पर चलने नहीं दिया जायेगा। इसके बदले यात्रियों के लिए नए सीएनजी, बी एस 6 और इलेक्ट्रिक चौपहिया  वाहन को चलाया जायेगा। इसके साथ ही ऐसे डीजल चलित ऑटो, विक्रम, जिन्हे 10 वर्ष से कम समय हुआ है, वे 31 दिसम्बर 2023 के बाद प्रतिबंधित किये जायेंगे।

Delhi pollution: Action plan measures ineffective, ban on diesel light vehicles 'late', experts say- The New Indian Express

देहरादून और हरिद्वार जिले के यात्री वाहनों पर प्रतिबंध
बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर संभागीय परिवहन प्राधिकरण के सचिव ने यह बताया कि प्राधिकरण की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि देहरादून व हरिद्वार जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा है। इसलिए यहां पर मौजूदा समय में चल रहे ऐसे डीजल चलित ऑटो, विक्रम यात्री वाहन जिन्हें 10 वर्ष या उससे अधिक समय पूरा हो चुका है उन्हे 31 मार्च तक हटा दिया जायेगा। जबकि 10 वर्ष से कम वालों को साल के अन्त तक बाहर कर दिया जायेगा। इसके बाद अब राजधानी देहरादून के डोईवाला, डाकपत्थर, विकाशनगर, कालसी, हर्बटपुर साथ ही ऋषिकेश और हरिद्वार जिले के इन जगहों भगवानपुर, लक्सर, कलियर और रूड़की में चलने वाले करीब 10 हजार ऐसे वाहनों को बाहर किया जाएगा।

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