चुनावी साल, सांसद जानेंगे हाल

देहरादून, उत्तराखंड में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही महीनों का समय शेष रह गया है। ऐसे में बीजेपी-कांग्रेस ने तैयारी तेज कर दी है…सत्ताधारी दल बीजेपी ने इस चुनाव को जीतने के लिए विधानसभा चुनाव में हारी हुई 23 विधानसभाओं पर विशेष फोकस करने के साथ ही प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाने का फैसला लिया है। भाजपा सांसदों की अगुवाई में 15 मई से 15 जून तक जनसंपर्क अभियान चलेगा। इसके तहत भाजपा सांसद पूरे एक महीने में व्यापक जनसंपर्क करते हुए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों को जनता के बीच लेकर जाएंगे। एक तरफ जहां उत्तराखंड बीजेपी हारी हुई सीटों को मजबूत करने के साथ ही सांसदों द्वारा विशेष जनसंपर्क अभियान चलाने जा रही है तो दूसरी ओर केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं और केंद्र सहायतित योजनाओं की समीक्षा के लिए 30 सांसदों की समिति उत्तराखंड पहुंची हुई है। वहीं विपक्ष का कहना है कि चुनाव के वक्त भाजपा को जनता की याद आ रही है…अबतक भाजपा सांसद अपने संसदीय क्षेत्रों से नदारद ही है…जिससे जनता में काफी आक्रोश है

उत्तराखंड में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने तैयारी तेज कर दी है…सत्ताधारी दल बीजेपी ने इस चुनाव को जीतने के लिए विधानसभा चुनाव में हारी हुई 23 विधानसभाओं पर विशेष फोकस करने के साथ ही प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाने का फैसला लिया है। भाजपा सांसदों की अगुवाई में 15 मई से 15 जून तक जनसंपर्क अभियान चलेगा। इसके तहत भाजपा सांसद पूरे एक महीने में व्यापक जनसंपर्क करते हुए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों को जनता के बीच लेकर जाएंगे। वहीं कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव के लिए उसकी पूरी तैयारी है।

 

एक तरफ जहां उत्तराखंड बीजेपी हारी हुई सीटों को मजबूत करने के साथ ही सांसदों द्वारा विशेष जनसंपर्क अभियान चलाने जा रही है तो दूसरी ओर केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं और केंद्र सहायतित योजनाओं की समीक्षा के लिए 30 सांसदों की समिति उत्तराखंड पहुंची हुई है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि धरातल पर केंद्र और राज्य सरकार की कोई विकास योजनाएं काम नहीं कर रही है। ऐसे में 30 सांसदों का डेलिगेशन सिर्फ सैर सपाटे के लिए उत्तराखँड आ रहा है।

 

कुल मिलाकर 2024 के लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए दोनों ही दल पूरी ताकत लगा रहे हैं….एक तरफ जहां बीजेपी हारी हुई 23 विधानसभाओं में संगठन को मजबूत करने के साथ ही सांसदों को एक माह तक क्षेत्र में जनता से जनसंपर्क अभियान चलाने के लिए कहा गया है। सवाल ये है कि क्या सांसद एक महीने तक अपने अपने क्षेत्रो में जनसंपर्क अभियान चलाएंगे….क्या 30 सांसदों के डेलिगेशन का उत्तराखँड सिर्फ सैर सपाटा है….आखिर कांग्रेस ने इस साल चुनाव के लिए क्या तैयारी की है जो जनता कांग्रेस को जीत का स्वाद चखाएगी

 

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