शहर की सुंदरता पर अतिक्रमण का रोड़ा  !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कुछ समय पहले तक जिस स्मार्ट सिटी के कार्यों पर सवाल उठ रहे थे….उसी स्मार्ट सिटी के कार्यों की अब सराहना हो रही है। सरकार का दावा है कि स्मार्ट सिटी के कार्य अंतिम चरण में है…..शहर की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के साथ ही सड़कों को साफ सुथरा बनाने, शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने, पार्कों के सौंदर्यीकरण समेत तमाम कार्य अंतिम चरण में है….आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को गड्ढा मुक्त सड़क बनाने, शहर को सुंदर बनाने समेत सभी कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए थे…लापरवाह अधिकारियों पर मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी….मुख्यमंत्री की इस सख्ती का धरातल पर सकारात्मक असर भी देखने को मिल रहा है और जो स्मार्ट सिटी के कार्य पिछले 8 सालों में नहीं हुए वो कुछ ही समय में पूरे होते हुए देखने को मिल रहे हैं… वही सरकार की जमीनों पर लोगो का कब्ज़ा है उनपर सरकार प्रदेश भर में अतिक्रमण अभियान की भी शुरवात करने जा रही है। हालांकि विपक्ष अभी भी सवाल खड़े कर रहा हे…कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर समय रहते स्मार्ट सिटी के कार्यों को पूरा नहीं करवाया….अब अतिक्रमण के नाम से आम जनता को परेशान करने की नई योजना बना रही है।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना का उद्देश्य शहर को आधुनिक तकनीक और योजनाओं के माध्यम से ज्यादा सुरक्षित सुगम पर्यावरण के अनुकूल और समृद्ध बनाना है। हालांकि स्थानीय नागरिकों की इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई हैं इस परियोजना के अंतर्गत देहरादून को स्मार्ट सुविधाओं से लैस करने का प्रयास किया जा रहा है जैसे स्मार्ट यातायात प्रबंधन, स्मार्ट परिवहन, स्मार्ट जल आपूर्ति, स्मार्ट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्मार्ट स्वास्थ्य सेवाएं, स्मार्ट शिक्षा और सुरक्षा, ग्रीन स्पेस और पर्यावरण सुधार, ई-गवर्नेंस और डिजिटल सेवाएं वगैरह. इस पर स्थानीय लोगों की राय बताती है कि परियोजना के परिणामों पर लोगों का नजरिया मिला-जुला है। देहरादून की निवासी ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना का असर सिर्फ कागजों तक ही सीमित दिखाई देता है उन्होंने कहा मुझे नहीं लगता कि देहरादून स्मार्ट सिटी हुआ है बारिश होते ही क्षेत्रों में पानी भर जाता है जिससे लोगों को बहुत परेशानी होती है. शहर के मुख्य क्षेत्रों में तो सड़कों को ठीक किया गया है लेकिन अन्य इलाकों में अभी भी सड़के टूटी हुई हैं. ऐसे में इसे स्मार्ट सिटी कैसे कहा जा सकता है। वहीं देहरादून की स्थानीय निवासी ने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हुए बदलावों की सराहना की उन्होंने कहा मेरी नजर में देहरादून में बहुत कुछ बदल चुका है मुख्य बाजार के अलावा अन्य इलाकों में दीवारों पर चित्रकारी की गई है, सड़कों के किनारे टाइल्स और रेलिंग लगाई गई है. यहां की सभी दुकानों के बोर्ड एक रंग में हैं, जिससे शहर और भी आकर्षक लगने लगा है यह संकेत है कि देहरादून अब स्मार्ट सिटी बन चुका है। स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर आम जनता की मिली जुली राय सामने आई है।

आपको बता दे शहर के कई हिस्सों में अभी भी निर्माण कार्य चल रहे हैं और इसके पूरा होने पर देहरादून की तस्वीर और भी बेहतर हो जाएगी। आई एस बीटी सहित सहारनपुर चौक पर तो बारिश में सड़कों पर पानी भर जाता है. हालांकि दुकानों के बाहर एक रंग के साइन बोर्ड और दीवारों पर पेंटिंग से कुछ सुधार जरूर दिखता है। वही राजपुर रोड स्थित देहरादून के स्मार्ट सिटी होने पर सवाल उठ रहे है। जिला अधिकारी सविन बंसल ने स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कुठाल गेट, साईं मंदिर, दिलाराम चौक के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया। मानसून से पहले सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कार्य की गुणवत्ता और समय से कार्य पूर्ण करने के साथ ही साइन बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए, जिससे कि पर्यटकों के साथ ही आम लोगों को भी परेशानी का सामना न करना पड़े। मानसून के दौरान जलभराव वाले क्षेत्रों में मरम्मत कार्य करने के भी निर्देश दिए। चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन को लेकर डीएम ने बताया कि यात्रा सीजन और पर्यटन सीजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। उत्तराखंड आने वाले यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि यात्रा सीजन और पर्यटन सीजन के दौरान व्यवस्थाएं दुरुस्त रखी जाए।

स्मार्ट सिटी जिसे देश के प्रधानमंत्री ने 25 जून, 2015 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य शहरों में आधारभूत सुविधाओं का विकास करना है ताकि नागरिकों को स्वच्छ और स्थायी वातावरण दिया जा सके। योजना के तहत इन शहरों में तकनीक को बढ़ावा देने का काम होगा ताकि स्मार्ट परिणाम मिल सके।आलम ये है की अब तक सरकार की पहल तो चल रही है लेकिन जमीनी स्तर पर आला अधिकारी इस योजना को लेटलतीफी कर सरकार के पैसे के साथ जनता के साथ धोखा कर रहे है। अब सरकार को ऐसे लोगों पर कार्यवाही कर बचे आधे अधूरे कार्य पुरे कर मेरी सिटी को और भी स्मार्ट कर देने की जरूरत है नहीं तो आने वाले इस मानसून में सरकार को कही फिर जनता के विरोध का सामना न करना पड़े।

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