उत्तराखंड: भविष्य की पारी, उपनल कर्मचारी !

उत्तराखंड- धामी सरकार की टेंशन उपनल कर्मचारियों के मामले में कम होने का नाम नहीं ले रही है दअरसल एक ओर जहां राज्य सरकार पर 22000 से ज्यादा उपनल कर्मचारियों को नियमित करने का दबाव है तो वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट से भी लगातार नोटिस जारी किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में उपनलकर्मियों के नियमितीकरण मामले में हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है। नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा उपनल कर्मचारी संघ के हित मे दिए गए, पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 24 दिसंबर को होगी. इसी बीच अब उत्तराखंड शासन उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में हाईकोर्ट के वर्ष 2018 के आदेश के खिलाफ दायर एसएलपी निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 85 और पुनर्विचार याचिकाएं दायर करने जा रहा है। बता दें कि सैनिक कल्याण विभाग अपने स्तर से पहले ही आठ नवंबर को पुनर्विचार याचिका दाखिल कर चुका है। सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी ने 10 विभिन्न विभागों के सचिवों को पत्र भेजते हुए इस दिशा में कार्यवाही शुरू करने को कहा है। आपको बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के विनियमितीकरण के लिए साल 2018 में आदेश दिये थे। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सैनिक कल्याण विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। छह साल की लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संबंद्ध सभी 85 एसएलपी को खारिज कर दिया था। वहीं अब इस मुद्दे पर राज्य में सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस का आरोप है राज्य सरकार कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। सवाल ये है कि क्या राज्य सरकार उपनल कर्मचारियों की मांगों को पूरा करेगी या नहीं?

देवभूमि उत्तराखंड में एक बार फिर उपनल कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। उपनल कर्मचारी पिछले लंबे समय से समय की सरकारों के आश्वासन से नीराश होकर आंदोलन की राह पर निकल गये हैं। हजारों की आबादी में सचिवालय घेराव को पहुंची उपनल कर्मचारियों की इस भीड़ ने राज्य सरकार की टेंशन चुनावी माहौल में बढ़ा दी है। उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में 22 हजार से ज्यादा उपनल के कर्मचारी कार्यरत है जो पिछले लंबे समय से नियमितीकरण और समान कार्य के लिए समान वेतन दिये जाने की मांग कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने भी उपनल कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से नियमित करने की मांग की है जबकि भाजपा जल्द कोई समाधान निकालने का दावा कर रही है?

वहीं एक ओर जहां कर्मचारियों ने सरकार पर अपनी मांगों को पूरा करने का दबाव बनाया हुआ है तो वही दूसरी ओर नैनीताल हाईकोर्ट ने एक बार फिर सरकार की टेंशन को बढ़ा दिया है। दअरसल हाईकोर्ट ने उपनलकर्मियों के नियमितीकरण मामले में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है। नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा उपनल कर्मचारी संघ के हित मे दिए गए, पूर्व के आदेश का अनुपालन नही करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 24 दिसंबर को होगी. इसी बीच अब उत्तराखंड शासन उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में हाईकोर्ट के वर्ष 2018 के आदेश के खिलाफ दायर एसएलपी निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 85 और पुनर्विचार याचिकाएं दायर करने जा रहा है।

कुल मिलाकर उपनल कर्मचारियों के मामले में राज्य सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य सरकार पर एक ओर जहां उपनल के कर्मचारी दबाव बना रहे हैं तो वही दूसरी ओर नैनीताल हाईकोर्ट से भी सरकार के लिए बुरी खबरें आने का नाम नहीं ले रही है. ऐसे मे देखना होगा 24 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई में हाईकोर्ट क्या फैसला सुनाता है और कब तक सरकार उपनल कर्मचारियों को पूरा कर पाती है?

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