देश के वैज्ञानिकों ने विकसित किया ओमिक्रॉन वैरियंट की जांच किट   “ओम”

ऑमिक्रॉन एक ऐसा वेरिएंट जो जंगल की आग की तरह से फैल रहा है , हालांकि लक्षणों की जटिलताओं और मृत्युदर के मामले में कोविड के डेल्टा वेरिएंट जितना घातक नहीं है, लेकिन यह एक सुपर स्प्रेडर कोविड वेरिएंट जरुर है ।

दुनिया में उपलब्ध कुछ गिनी चुनी किट्स में से यह एक विशिष्ट किट 

सीएसआईआर-सीडीआरआई के निदेशक, प्रो. तपस के. कुंडू ने बताया कि कोविड संक्रमणों में मौजूदा उछाल भारतीय आबादी में फैल रहे सार्स-सीओवी-2 वायरस के नए वेरिएंट को दर्शाता है। अब तक अधिकांश आरटी-पीसीआर आधारित डायग्नोस्टिक किट इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं ,कि क्या कोविड संक्रमण अत्यधिक उत्परिवर्तित ऑमिक्रॉन वेरिएंट के कारण हो रहा है। सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ के वैज्ञानिकों डॉ अतुल गोयल, डॉ नीति कुमार एवं डॉ आशीष अरोरा की टीम ने सीडीआरआई के इंडस्ट्री पार्टनर, बायोटेक डेस्क प्रा. लिमिटेड, हैदराबाद के साथ मिल कर ऑमिक्रॉन वेरिएंट की विशिष्ट पहचान के लिए स्वदेशी आरटी पीसीआर (RT-PCR) किट इंडिकोव-ओमTM (INDICoV-OmTM) को सफलतापूर्वक विकसित किया है। ऑमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने के लिए पूरी दुनिया में उपलब्ध कुछ गिनी चुनी किट्स में से यह एक विशिष्ट किट है।

कम कीमत में प्रभावी जांच उपलब्ध करायेगा “ओम”

टीम लीडर डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि डॉ. आशीष अरोड़ा और डॉ. नीति कुमार के संयुक्त प्रयासों से हमने रोगी के नमूनों में ऑमिक्रॉन वेरिएंट का प्रत्यक्ष पता लगाने के लिए एक स्वदेशी डायग्नोस्टिक किट विकसित की है। इस सीडीआरआई की प्राइमर जांच किट का किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ की प्रो. अमिता जैन द्वारा कई कोविड पॉजिटिव मरीज के नमूनों का परीक्षण और सत्यापन किया गया है। यह एक बड़ी आबादी की जीनोम सीक्वेंसिंग की तुलना में ऑमिक्रॉन वेरिएंट की त्वरित और कम कीमत में प्रभावी जांच उपलब्ध करायेगी। इसके अलावा, इस स्वदेशी तकनीक को कोविड संक्रमण सहित अन्य और श्वसन संबंधी अन्य संक्रमणों का पता लगाने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। डॉ गोयल ने आगे उल्लेख किया कि हमारी स्वदेशी फ्लोरोसेंट डाई और क्वेंचर तकनीक हमें भविष्य में उभरते अन्य संक्रमणों में भी आरटीपीसीआर  आधारित डिटेक्शन किट के विकास में हमें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।

बाजार मैं जल्द रिलीज के लिए तैयारी की जा रही है 

डॉ. श्रद्धा गोयनका, प्रबंध निदेशक बायोटेक डेस्क प्रा. लिमिटेड, हैदराबाद ने बताया कि चूंकि यह लहर अभी जारी है और हमारे पास अधिक समय नहीं है, ऐसे में आम आदमी की पहुँच के अंदर सीमित समय मे एक ऐसी सस्ती जांच किट तैयार करना एक बड़ा लक्ष्य है, चूंकि हम लंबे समय से आपूर्ति व्यवसाय में हैं, इसलिए हमारे लिए किट के सभी घटकों को रिकॉर्ड समय में प्राप्त करना संभव हो गया है जिस से हम फरवरी के मध्य तक अपनी किट, इंडिकोव-ओमTM (INDICoV-OmTM) को बाजार में उपलब्ध करा सकें । अब हम किट के लिए नियामक अनुमोदन (रेगुलेटरी अप्रूवल) और किट की असेंबली पर अपना पूरा धन केन्द्रित कर रहे हैं, और बाजार मैं जल्द रिलीज के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं।

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