गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी राहत, ई-वाउचर से अल्ट्रासाउंड और अन्य सुविधाएं मिलेंगी..

यूपी,  गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार अब बहुत ही सतर्क रहती है| उनकी  दिक्कतों  को ध्यान में रखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार ने गर्भवती महिलाओं को बड़ी राहत दी है। अब निजी जांच केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड व अन्य जांच सुविधाएं निजी जांच केंद्रों पर कराएगी। इसके लिए उन्हें ई-वाउचर दिया जाएगा।

लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी सौगात

प्रदेश सरकार लोकसभा चुनाव से पहले गर्भवती महिलाओं को बड़ी सौगात देने जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर अल्ट्रासाउंड व अन्य जांच सुविधाएं न मिलने पर उन्हें निजी जांच केंद्रों पर यह सुविधा मुफ्त मिलेगी। इसके लिए उन्हें ई-वाउचर दिया जाएगा। प्रदेश में करीब 873 सीएचसी हैं और हर माह करीब पांच लाख महिलाओं को प्रसव संबंधी जांच करानी पड़ती है। ज्यादातर केंद्रों पर अल्ट्रासाउंड मशीनें लगी हैं। पर, कहीं रेडियोलॉजिस्ट का अभाव है तो कहीं मशीनें खराब। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को निजी जांच केंद्रों का सहारा लेना पड़ता है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है कि सीएचसी में गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया जाएगा। किसी कारणवश वहां अल्ट्रासाउंड व अन्य जांच नहीं हो पा रही है तो उन्हें निजी जांच केंद्रों पर भेजा जाएगा।

जांच का खर्च सरकार उठाएगी। इसके लिए आसपास मौजूद निजी डायग्नोसिस सेंटरों को सीएचसी से संबद्ध किया जा रहा है। महिला को जांच के लिए सीएचसी प्रभारी ई-वाउचर देंगे। मोबाइल पर मिलने वाले इस ई-वाउचर को दिखाकर निजी जांच केंद्रों पर जांच होगी और सीएचसी संबंधित केंद्र को भुगतान करेगा।

छह हजार तक की होगी बचत

निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर एक बार के अल्ट्रासाउंड पर 1000-1200 रुपये खर्च होते हैं। चार से पांच जांच पर 6000 रुपये तक खर्च होते हैं। नई सुविधा से महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी।

आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं का करेंगी पंजीकरण

गर्भवती महिलाओं की निजी जांच केंद्रों पर मुफ्त सुविधा के लिए शुरू होने जा रही ई-वाउचर व्यवस्था से आशा कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा जाएगा। ये कार्यकर्ता गांव की महिलाओं के नियमित संपर्क में रहती हैं। वह गर्भ धारण करते ही महिलाओं का ऑनलाइन पंजीकरण करती हैं। यही पंजीकरण इनकी अल्ट्रासाउंड जांच में काम आएगा। ई-वाउचर व्यवस्था के ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से करार किया है। मालूम हो कि इस योजना को प्रयोग के तौर पर दो माह पहले सीतापुर के लहरपुर व सिधौली और हरदोई के संडीला सीएचसी पर चलाया गया। प्रयोग सफल रहने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है।

मातृ-शिशु को लेकर हर स्तर पर सावधानी बरती जा रही है। गर्भवती व प्रसूता की जांच में किसी तरह की समस्या न आए, इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। रेडियोलॉजिस्ट की संख्या बढ़ाई जा रही है। मशीनें भी लगाई जा रही हैं। जहां सुविधा नहीं है वहां पीपीपी मॉडल अपनाया जा रहा है। ई-वाउचर का सिस्टम भी पीपीपी मॉडल का एक हिस्सा है। इससे गर्भवती महिलाओं की जांच निर्धारित समय पर हो सकेगी। उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं होगी। – पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य

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