इतिहास के पन्नों में रह जाएगा नोएडा का खूबसूरत ट्विन टावर

3700 किलो के करीब विस्फोटक से ढहाए जाएंगे ट्विन टावर

915 फ्लैट 21 दुकाने दो बेसमेंट का स्ट्रक्चर है ट्विन टावर में

फिर अब नहीं दिखेगा ट्विन टावर

नोएडा गौतम बुध नगर की ऊंची इमारत ट्विन टावर सालों से चर्चा में रहा कंपनी के मालिकों और नोएडा अथॉरिटी के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध बना यह ट्विन टावर सालों से चर्चा में रहा नियम कानून को ताक पर रखकर बनाया अवैध ट्विन टावर को बचाने की कंपनी और पार्टी के कुछ अधिकारियों द्वारा लगातार कोशिश की गई लेकिन मामला हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक गया और अंततः सुप्रीम कोर्ट में ट्विन टावर को अवैध ठहराया और इसको हटाने का आदेश दिया

31 अगस्त 2021 सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया कि नियमों की अनदेखी कर सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट सोसाइटी में बने ट्विन टावर अवैध नोएडा अथॉरिटी से शुरू हुई लड़ाई हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची लेकिन सोसाइटी की आरडब्ल्यूए पीछे नहीं रहे 32 मंजिल तक बन चुके ट्विन टावर को जाने के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है सब कुछ प्लान के तहत हुआ तो 28 अगस्त तक यह ट्विन टावर गिरा दिए जाएंगे

नियमों की अनदेखी कर अवैध तरीके से बना नोएडा का खूबसूरत ट्विन टावर इतिहास के पन्नों में ही देखा जा सकेगा ट्विन टावर के नहाने के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है सब कुछ प्लान के तहत हुआ है अगर वैसा ही प्लांट के तहत रहा तो 28 अगस्त तक यह ट्विन टावर गिरा दिए जाएंगे पिछले कई सालों से चर्चा में रहे ट्विन टावर को अर्ध आने का समय लगभग पूरा हो चुका है एमराल्ड कोर्ट में टावर नंबर 1 से 15 में बिल्डर ने 2008 में कब्जा देना शुरू किया 2009 में फ्लैट वायरस ने अपनी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन बनाई इसके बाद भी प्रोजेक्ट के नक्शे में संशोधन हुए लेकिन ऐसा नहीं हुआ नेशनल बिल्डिंग कोड का नियम यह है कि किसी भी दो आवासीय टावर के बीच कम से कम 16 मीटर की दूरी होनी जरूरी है लेकिन प्रोजेक्ट में टावर नंबर 1 और ट्विन टावर में टावर नंबर 17 के बीच 9 मीटर से भी कम दूरी बची आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष उदय भान सिंह तेवतिया बताते हैं कि जहां पर टावर नंबर 16 और 17 का निर्माण हुआ जब उन लोगों को बिल्डर ने फ्लैट दिया था तब यहां ओपन स्पेस दिखाया गया था
नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध बने ट्विन टावर में नियमों की अनदेखी की गई वायर लगातार परेशान रहे लगातार शिकायत के बाद जब नोएडा भर्ती वायरस की शिकायत दूर करने में असफल रहा तो मामला कोर्ट में पहुंचा कोर्ट में भी अथारिटी द्वारा लगातार ट्विन टावर को सही ठहराने की कोशिश जारी रही लेकिन अंत में अथॉरिटी और ट्विन टावर दोनों गलत पाए गए सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर को गिराने का आदेश जारी किया मामला को नोएडा अथॉरिटी आखिर तक सही ठहरा रही थी लेकिन 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एमेरल्ड कोर्ट के अपैक्स और सीएन टावर को तोड़ने का आदेश दिया था 1 सितंबर को पार्टी की सीईओ ने पूरे प्रकरण पर दोनों एसीईओ की अगुवाई में कमेटी बनाई 26 घंटे के अंदर आई जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई प्रारंभिक स्तर पर 12 से 15 अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई सितंबर 2021 में हाई लेवल की एसआईटी का गठन हुआ एसआईटी ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी 4 अक्टूबर को नोएडा अथॉरिटी ने एसआईटी जांच के आधार पर विजिलेंस ने 24 अधिकारियों और कर्मचारियों पर एफ आई आर दर्ज करवाई सुपरटेक ग्रुप के चार निदेशक व दो आर्किटेक्ट के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया

915 फ्लैट 21 दुकाने दो बेसमेंट का स्ट्रक्चर है ट्विन टावर में, 3700 किलो के करीब विस्फोटक से ढहाए जाएंगे ट्विन टावर ,यह विस्फोटक एडिफिस एजेंसी ने नागपुर से खरीदा है 28 मंजिलों पर विस्फोटक लगाया जाएगा प्राइमरी और सेकेंडरी ब्लास्ट फ्लोर के रूप में चिन्हित किया गया है प्राइमरी ब्लास्ट फ्लोर इसमें दोनों टावर के 20 फ्लोर का चयन किया गया है इन फ्लोर पर हुए सभी हॉल में विस्फोटक लगाया जाएगा अपेक्स टावर बेसमेंट 1,2,6, 10,14, 18,22,26,32 और सियान बेसमेंट 1,2, 6,10,14 अट्ठारह 2226 चिन्हित किया गया है जहां विस्फोटक लगाया जाएगा उसके बाद ट्विन टावर को बढ़ाया जाएगा एक्सपर्ट के अनुसार इसमें कई तरह के हाई सिक्योरिटी का भी इस्तेमाल किया जाएगा जिससे टावर को नहाते समय किसी भी तरह की कोई जन हानि ना हो इसका विशेष ख्याल रखा गया है दूसरा ब्लास्ट फ्लोर दोनों ही टावर के 8 फ्लोर का चयन किया गया है इन फ्लोर पर हुए सभी होल में सिर्फ 40% में ही बारूद लगाया जाएगा दोनों टावर के 4,8, 12, 16, 20, 24, 28, 38 में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है

टावर ढहाने के लिए कोर्ट में तारीख पर तारीख लगती रही अंततः टावर को गिराने का निर्णय आ ही गया 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट में 3 महीने में टावर हटाने का आदेश दिया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ फिर 22 मई 2022 तक ट्विन टावर लाने थे लेकिन तैयारियां पूरी नहीं हो पाई जिसकी वजह से टावर को गिराया नहीं जा सका फिर 20 फरवरी 2022 से एजेंसी ने ट्विन टावर की साइट को अपने कब्जे में लिया और 10 अप्रैल 2022 को एजेंसी ने टावर में टेस्ट ब्लास्ट भी किया 21 अगस्त 2022 को टावर ढहाने की तारीख तय की गई थी लेकिन विस्फोटक के लिए एनओसी मिलने में देरी हुई जिसकी वजह से टावर नहीं गिराया जा सका फिर 28 अगस्त 2022, 10 तारीख है जिस पर दोनों टावर में बारूद लगाने का काम तेजी से चल रहा है और ऐसा बताया जा रहा है कि 28 अगस्त को ट्विन टावर ढहा दिया जाएगा और सिर्फ इतिहास के पन्नों में ही यह टावर दिखेगा

बताया यह जा रहा है कि टावर टावर को ढहाने के लिए 9642 होल विस्फोटक को लगाने के लिए दोनों ही टावर में किए गए हैं 300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में है भ्रष्टाचार की इमारत 9 सेकंड में 2:30 जाएंगे ट्विन टावर 200 मिली सेकंड का अंतर होगा एक कालम से दूसरे कालम के ब्लास्ट में 90 दिन का समय लग जाएगा टावर आने के बाद निकलने वाला मलवा हटाने में 5 हेक्टेयर खाली प्लाट में यह मलवा भरने का प्लान एजेंसी ने बनाया है ।

सालों से चर्चा में रहे ट्विन टावर को ढहाने का अब समय आ गया है तारीख निश्चित हो गई है तैयारी भी पूरी हो गई है 28 अगस्त का दिन मुकर्रर किया गया है उस दिन हाई सिक्योरिटी हाईटेक फुल प्रूफ के साथ ढाया जाएगा ट्विन टावर विवादित ट्विन टावर के मालिकों और अथॉरिटी के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध ट्विन टावर को बचाने की कंपनी और अथारटी के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की तरफ से लगातार कोशिश की गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर को अंततः अवैध घोषित किया और ट्विन टावर को ढहाने का आदेश दिया और अब उत्तर प्रदेश सरकार और नोएडा अथॉरिटी रेरा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए ट्विन टावर को ढहाने की तिथि निश्चित कर लिया है अब 28 अगस्त को ट्विन टावर ढहा दिया जाएगा

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