फतेहगढ़ जिला जेल में बन्द महिला व पुरूष बंदी बल्ब बनाकर और सिलाई कर कमा रहे हजारों रुपये

रिपोर्ट – ऋषि सेंगर

फर्रुखाबाद – फतेहगढ़ जिला जेल में बंदियों द्वारा इनवर्टर एलईडी बल्ब तैयार किया जा रहा इसके साथ ही बन्द महिला बंदी सिलाई का प्रशिक्षण लेने के बाद जेल में ही सिलाई कर हजारों रुपये कमा रही हैं | योगी सरकार प्रदेश की जेलों में बन्द कैदियों को न सिर्फ़ रोजगार से जोड़ रही है उन्हें समाज की मुख्य धारा के साथ-साथ धार्मिक आस्था से भी जोड़ने का काम रही है | सरकार कौशल विकास योजना से 54 _54 बंदियों के दो बैच ले रहें हैं |

जेल में ही महिला बंदी सिलाई कर कमा रहीं हजारों रुपये 

आपको बता दें कि फतेहगढ़ जिला जेल में बंदियों ने इनवर्टर एलईडी बल्ब तैयार किया है जो कि लाइट जाने के बाद चार घण्टे तक बिना लाइट के रोशनी देगा | जेल अधीक्षक भीम सेन का कहना है कि प्रदेश की जेलों में यह बल्ब लगने के बाद लाखों रुपये के डीजल की लाइट जाने के बाद बचत होगी, इसके साथ ही बन्द महिला बंदी सिलाई का प्रशिक्षण लेने के बाद जेल में ही सिलाई कर हजारों रुपये कमा रही हैं | महिला बंदियों के तैयार किये गये कपड़ों को जेल प्रशासन उन्हें खरीद कर महिलाओं के साथ जेल में बन्द बच्चों को देती हैं | जेल बन्द बंदियों को कम्प्यूटर और इलेक्ट्रिक वायर मैंन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है और इनवर्टर एलईडी बल्ब को जेल उत्पाद बिक्री केंद्र से बेचा जा रहा है| फतेहगढ़ जिला जेल में कैदी ब्लॉक प्रिटिंग कर महीने में हजारों रुपये कमा रहें हैं|

बंदियों को 40 रुपए प्रतिदिन दिया जा रहा पारिश्रमिक

जेल में बन्द कैदियों को समाज की मुख्य धारा से भी जोड़ा जा रहा हैं | पुजा पाठ के साथ उन्हें धार्मिक आस्था से जोड़ा जा रहा है जिसके चलते वह अपने अतीत को भूल कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें| ओडीओपी योजना से महिला और पुरूष कैदियों को प्रशिक्षण दिलाया गया जिससे वह ओम नमः शिवाय, राधे राधे, रामनामी दुप्पटा ब्लॉक प्रंटिंग कर छाप रहें हैं, इन दुप्पटो को चित्रकूट, अयोध्या, बनारस, मथुरा में सप्लाई किया जा रहा है | माघ मेला रामनगरिया में इनकी बिक्री कराई जा रही, दुप्पटा छपाई में बंदियों को 40 रुपए प्रतिदिन पारिश्रमिक दिया जा रहा हैं | बाजार में बिक्री होने पर आय का 10 प्रतिशत हिस्सा सरकारी खाते में जमा करने के बाद बचे हुए मुनाफे को काम करने वाले कैदियों को दिया जाएगा |

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