सरकारी फरमान, चुनावी अभियान !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड शासन ने बड़ा फैसला लिया है….इस निर्णय के तहत अब राज्य में शिलान्यास और लोकार्पण मंत्री नहीं मुख्यमंत्री ही करेंगे…..जीहां इस संबंध में नियोजन विभाग के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने सभी विभागों को पत्र भी भेजा है। इस पत्र के तहत प्रदेश में हो रहे विकास कार्य और नई योजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण मंत्री या अधिकारी नहीं बल्कि मुख्यमंत्री करेंगे और मुख्यमंत्री की ही अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित कर इनका शिलान्यास और लोकार्पण किया जाएगा। नियोजन सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने सभी एसीएस, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्षों और डीएम को इस बाबत पत्र भेजा है। मीनाक्षी सुंदरम ने सभी विभागों से उनकी भविष्य में पूरी होने जा रही विकास योजनाओं का ब्योरा मांगा है। साथ ही जिन योजनाओं का शिलान्यास प्रस्तावित है, उनकी रिपोर्ट भी देनी होगी। इसके आधार पर हर जिलों में सीएम की अध्यक्षता में विधिवत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में संबंधित विभागों के मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। इनमें ही योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। सचिवों को जारी किए पत्र में सभी अधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि भविष्य में लोकार्पण और शिलान्यास का कार्यक्रम किसी अन्य स्तर पर प्रस्तावित नहीं किया जाए… इस फैसले के पीछे विकास योजनाओं को तेजी से पूरा करने और उनके नियमित मॉनिटरिंग के सिस्टम को मजबूत करना भी एक वजह बताया जा रहा है। वहीं कांग्रेस ने शासन के इस फैसले पर सवाल खड़े किए है

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव नजदीक है……सभी राजनीतिक दल इसकी तैयारियों में लगे हुए है…इन्ही तैयारियों के बीच उत्तराखंड शासन ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत राज्य में शिलान्यास और लोकार्पण मंत्री नहीं मुख्यमंत्री ही करेंगे….. इस संबंध में नियोजन विभाग के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने सभी विभागों को पत्र भी भेजा है। इस पत्र के तहत प्रदेश में हो रहे विकास कार्य और नई योजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण मंत्री या अधिकारी नहीं बल्कि मुख्यमंत्री करेंगे और मुख्यमंत्री की ही अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित कर इनका शिलान्यास और लोकार्पण किया जाएगा। नियोजन सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने सभी एसीएस, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्षों और डीएम को इस बाबत पत्र भेजा है। मीनाक्षी सुंदरम ने सभी विभागों से उनकी भविष्य में पूरी होने जा रही विकास योजनाओं का ब्योरा मांगा है। साथ ही जिन योजनाओं का शिलान्यास प्रस्तावित है, उनकी रिपोर्ट भी देनी होगी। इसके आधार पर हर जिलों में सीएम की अध्यक्षता में विधिवत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि लोकसभा चुनाव के चलते यह फैसला लिया गया है।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाले कार्यक्रम में संबंधित विभागों के मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। इनमें ही योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। सचिवों को जारी किए पत्र में सभी अधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि भविष्य में लोकार्पण और शिलान्यास का कार्यक्रम किसी अन्य स्तर पर प्रस्तावित नहीं किया जाए……बीजेपी विधायकों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले से विकास कार्यों का दायरा भी बढ़ेगा साथ ही विकास कार्यों में और तेजी भी आएगी…वहीं कांग्रेस ने सरकार के इस फरमान पर सवाल खड़े किए हैं

कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में सरकार के फरमान पर घमासान छिड़ गया है। एक तरफ जहां सरकार कार्यों में तेजी और विकास कार्यों का दायरा बढ़ने का दावा कर रही है.. तो दूसरी ओर विपक्ष ने इस फरमान को श्रेय लेने की होड़ बताया है….सवाल ये है कि क्या मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कार्यक्रम होने से कार्यों में तेजी आएगी….क्या माना जाए की राज्य में मंत्रियों और विधायकों की अधिकारी नहीं सुन रहे हैं जिसको देखते हुए अब मुख्यमंत्री को आगे आना पड़ रहा है या फिर ये चेहरा चमकाने की सियासत है

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