चुनावी संग्राम ,टिकटों के लिए कोहराम !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, लोकसभा चुनाव नजदीक हैं फरवरी का महीना भी करीब-करीब बीत गया है..मार्च महीने में प्रवेश करते ही कभी भी लोकसभा चुनाव का ऐलान हो सकता है…ऐसे में उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर भाजपा-कांग्रेस ने प्रत्याशियों पर मंथन शुरू कर दिया है..  माना जा रहा है कि जल्द ही दोनों ही दल उम्मीदवारों की घोषणा कर देंगे… वही बीजेपी ने राज्य की पांच लोकसभा सीटों के लिए 55 दावेदारों का पैनल तैयार किया है। स्टेट पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में चर्चा के बाद इन नामों को शीर्ष नेतृत्व को भेजा गया है। जल्द ही शीर्ष नेतृत्व इस पर फैसला लेगा.. भाजपा ने प्रत्याशियों का पैनल तय करते समय पार्टी की ओर से स्थानीय कार्यकर्ताओं की राय, सामाजिक संतुलन और रणनीतिक दृष्टि से विचार-विमर्श के बाद पैनल तैयार किया है। वही भाजपा के सबसे ज्यादा 11 दावेदार टिहरी सीट पर हैं। जबकि सबसे कम पांच-पांच दावेदार हरिद्वार और अल्मोड़ा सीट पर हैं। वही एक तरफ जहां भाजपा में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति देखने को मिल रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस में प्रत्याशियों का टोटा देखने को मिल रहा है.. मौजूदा समय में कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अलावा कोई बड़ा नेता इस समय चुनावी मैदान में नही दिख रहा है…कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ईडी कि जाँच में  घिरे है तों वही कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने लोकसभा का चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है ऐसे में पार्टी के सामने कोई दिग्गज चेहरा देखने को नही मिल रहा है… सवाल ये है कि एक तरफ जहाँ भाजपा में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है तों दूसरी और कांग्रेस में प्रत्याशियो का टोटा ऐसे में विपक्षी एकजुटता भाजपा को कैसे टककर दे पायेगी ये बड़ा सवाल है.

उत्तराखंड में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले तमाम राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियो पर मंथन शुरू कर दिया है..सत्ताधारी दल यानि कि बीजेपी कि बात करें तों भाजपा अपने विरोधी दलों से प्रत्याशियों के चयन पर भी आगे निकल रही है। भाजपा कि स्टेट पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में 55 दावेदारों कि सूची तैयार कि गई है बैठक में चर्चा के बाद इन नामों को शीर्ष नेतृत्व को भेजा गया है। जल्द ही शीर्ष नेतृत्व इस पर फैसला लेगा.. भाजपा ने प्रत्याशियों का पैनल तय करते समय पार्टी की ओर से स्थानीय कार्यकर्ताओं की राय, सामाजिक संतुलन और रणनीतिक दृष्टि से विचार-विमर्श के बाद पैनल तैयार किया है।

आपको बता दे कि भाजपा के सबसे ज्यादा 11 दावेदार टिहरी सीट पर हैं। जबकि सबसे कम पांच-पांच दावेदार हरिद्वार और अल्मोड़ा सीट पर हैं। वही एक तरफ जहां भाजपा में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति देखने को मिल रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस में प्रत्याशियों का टोटा देखने को मिल रहा है.. मौजूदा समय में कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अलावा कोई बड़ा नेता इस समय चुनावी मैदान में नही दिख रहा है…कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ईडी कि जाँच में  घिरे है तों वही कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने लोकसभा का चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है

कुल मिलाकर चुनाव के लिए समय बेहद कम है..यही वजह है कि राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियों पर मंथन शुरू कर दिया है… भाजपा में जहाँ पांच सीटों के लिए 55 दावेदार सामने आये है तों वही कांग्रेस के पास भाजपा को टक्कर दे पाने कि स्थिति वाले दिग्गज उम्मीदवार ही नही है ऐसे में सवाल ये है कि क्या भाजपा के सिटिंग सांसदों के टिकट कटेंगे…आखिर भाजपा मात्र पांच सीटों कैसे समीकरण बैठा पायेगी.. आखिर कांग्रेस कैसे बिना दिग्गज नेताओं के चुनावी दंगल को जीत पायेगी

 

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