SHIV SHANKAR SAVITA- निजी स्कूलों की मनमानी के चलते भारी भरकम स्कूल फीस का बोझ दिल्ली वालों के सिर से उतर गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के अभिभावकों को बड़ी राहत देते हुए मंगलवार को दिल्ली परिसीमा के भीरत स्कूल फीस की मनमानी वसूली पर लगाम लगाते हुए स्कूल बिल को मंजूरी प्रदान कर दी है। दिल्ली सरकार द्वारा इस बिल की मंजूरी से दिल्ली के वो अभिभावक खुद को भारी फीस के बोझ से मुक्त महसूस कर रहे हैं, जिनके बच्चे दिल्ली के निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। दिल्ली वासियों ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की इस पहल की सराहना करते हुए इसे शिक्षा माफिया के खिलाफ बड़ा कदम बताया है।
उल्लघंन करने वालों पर लगेगा 1 से 10 लाख तक का जुर्माना
पिछली सरकारों ने पिछले 27 वर्षों से इसे अनदेखा किया
सीएम ने कहा कि पिछली सरकारों ने 27 साल तक इस मुद्दे को अनदेखा किया, उनकी सरकार ने केवल 65 दिनों में ऐतिहासिक कदम उठाया है। 28 अप्रैल तक 970 स्कूलों का निरीक्षण कर 150 से अधिक स्कूलों को फीस वृद्धि संबंधी शिकायतों पर नोटिस दिए हैं। 42 स्कूल डमी क्लास चला रहे थे, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। किताबें और वर्दी न देने से जुड़ी 300 से अधिक शिकायतों को भी सुलझाया गया है।
तीन स्तरीय प्रणाली होगी लागू
स्तर पर हर एक निजी स्कूल में स्कूल लेवल फीस रेगुलेशन कमेटी गठित होगी। इसमें स्कूल प्रबंधक, प्रिंसिपल, शिक्षक, पांच अभिभावक (एक अनुसूचित जाति, जनजाति और दो महिलाएं), शिक्षा निदेशक शामिल होंगे। यह समिति स्कूल इमारत, खेल मैदान, स्कूल की वित्तीय स्थिति, स्कूल किस ग्रेड का है, शिक्षकों को कौन से पे कमिशन से वेतन मिल रहा है, संपत्ति की स्थिति क्या है, लाइब्रेरी की गुणवत्ता कैसी है, क्या स्कूल डिजिटल सुविधाओं से सुसज्जित है या नहीं, जैसे मानकों के आधार पर फीस बढ़ाने का निर्णय लेगी। स्कूल समिति की फीस बढ़ोतरी को चुनौती देने के लिए जिला फीस अपीलीय समिति होगी। इसकी अध्यक्षता जिले के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन करेंगे। यह समिति मामलों की 30 से 45 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। यदि अपीलकर्ता को जिला समिति के निर्णय से संतोष नहीं होगा, तो मामला राज्य स्तर की समिति के पास भेजा जाएगा। राज्यस्तरीय उच्चस्तरीय समिति की अध्यक्षता शिक्षा निदेशक करेंगे, जिन्हें मंत्रालय की ओर से नामित किया जाएगा। इस समिति में सात सदस्य शामिल होंगे। प्रतिष्ठित शिक्षा विशेषज्ञ, चार्टर्ड अकाउंटेंट, लेखा नियंत्रक, निजी स्कूलों से संबंधित विशेषज्ञ, अभिभावक और शिक्षा निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक होंगे।
बच्चों के अभिभावकों को पहले से ही पता होगी स्कूल की फीस
सीएम ने बताया कि 15 जुलाई तक स्कूल स्तर की समिति गठित हो जाएगी। ये 31 जुलाई तक फीस से संबंधित प्रस्ताव तैयार करेगी। इस प्रस्ताव पर समिति की ओर से 15 सितंबर तक अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 30 सितंबर तक इसे जिला स्तरीय समिति को भेज दिया जाएगा। वह समय रहते अगली शैक्षणिक सत्र में लागू की जाने वाली फीस पर निर्णय लेंगे। अभिभावकों को समय रहते यह पता चल जाएगा कि फीस बढ़ेगी या नहीं। यदि किसी को इस निर्णय पर आपत्ति या सुझाव है, तो वह अपनी बात समिति के सामने रख सकता है।