बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी कांड जैसे कई मुद्दों पर दी अपनी राय, ‘मेरे लिए चुप रहना संभव नहीं’

KNEWS DESK- बीजेपी सांसद वरुण गांधी बीते रविवार को राष्ट्रीय सिख सम्मेलन के मंच पर पहुंचे| वहां उन्होंने लखीमपुर कांड और भी कई मुद्दों को लेकर अपनी ही सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा- सिख सबसे बहादुर कौम है जो कट्टर राष्ट्रभक्त है ये मेरे लिए अभिमान की बात है कि मेरी रगों में सिखों का खून है|

वरुण गांधी ने कहा कि मेरे पूर्वजों ने मुझे सिखाया, जब पंडित नेहरू पहली बार प्रधानमंत्री बने तो माउलिंकन लोकसभा के अध्यक्ष थे उस समय शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हुकम सिंह जी थे| हुकम सिंह जी ने लोकसभा में पंडित नेहरू को यहां तक कह दिया था कि वो सही आदमी नहीं हैं लेकिन नेहरू जी सुनते रहेऑ 6 महीने बाद सरदार हुकुम सिंह को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया तो उन्होंने कहा- हम तो नेहरू की बुराई करते हैं, तो वो हमें कैसे लोकसभा अध्यक्ष बना सकते हैं| हुकुम सिंह जी ने पंडित जी की ये बात कही तो नेहरू ने कहा कि आपके भाषण से मैंने सीख और अपने आप को सुधार भी लिया|

बीजेपी सांसद ने कहा भाइयों मैं स्वर्गीय संजय गांधी का बेटा हूं और मैंने अपने पिताजी से सीखा है बातें कम काम ज्यादा| अगर मैं केवल यहां आकर मीठी-मीठी बातें बोलूं, आपको खुश कर दूं और चला जाऊं यह मेरे बस की बात नहीं| आप लोगों ने मुझे यहां इसलिए बुलाया कि आप लोग मुझे बाहर से भी जानते हो और अंदर से भी जानते हो| जब किसान आंदोलन चल रहा था दिल्ली में तो मैं पहला सांसद था जिसने किसान आंदोलन का खुलेआम समर्थन किया| मैं राजनीति की परवाह नहीं करता|

वरुण गांधी ने कहा, जब मैं पहली बार चुनाव जीतकर आया तो बडेपुरा के कुछ बुजुर्गों ने मुझसे कहा की बेटा तुमको जिता तो दिया है लेकिन एक काम हम तुमको बताना चाहते हैं| हमारे समाज में हमेशा हाथ देता हुआ होना चाहिए लेता हुआ नहीं| उन्होंने कहा कि नेहरू जी जब प्रधानमंत्री बनें तो उन्होंने 1 रुपया वेतन लिया था| उन बुजुर्गों ने कहा कि नेहरू जी एक रुपया ने लिया था लेकिन हमारे दिल की आवाज है कि तुम एक रुपया भी मत लेना| इसी सीख से मैंने आज तक कभी सांसद की तनख्वाह नहीं ली|

बीजेपी सांसद ने कहा कि आपके लिए मेरा ब्लैंक चेक है,  चाहे जहां लिख लेना जहां मन करे मुझे इस्तेमाल कर लेना| मुझसे जो मन करे बुलवा लेना, जहां मन करे मुझे लड़ा देना| आपके अपने हर सम्मान की लड़ाई में हर न्याय की लड़ाई में अपनी कौम की रक्षा में अपने उसूलों की रक्षा में हर जगह अपने साथ रखना| अगर अपने साथ नहीं रखोगे तो आपके पीछे-पीछे चलता रहूंगा|

वरुण गांधी ने कहा- किसान आंदोलन में 500 लोग शहीद हुए, उनके सपने मुझे आते हैं| लखीमपुर खीरी में जो हुआ उसे सहने की क्षमता कम है| अन्याय सहने की क्षमता कम है| मुझे परवाह नहीं की कितने वोट मुझे मिले| मेरे कितने वोट कम हो गए, मुझे परवाह नहीं.. मुझे परवाह ये है कि एक आदमी खड़ा है इसके ऊपर ट्रैक्टर चला दो, तो मेरे लिए चुप रहना संभव नहीं|

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