पलायन पर प्रहार, चला चुनावी प्रचार !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में भाजपा की चुनावी तैयारियों को धार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऋषिकेश पहुंचे जहां प्रधानमंत्री ने राज्य की जनता से भाजपा के पाचों प्रत्याशियों को जीताने की अपील की है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधने के साथ ही अपनी सरकार के कार्यों की जमकर सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मोदी सरकार की सही नितियों के चलते ही पहाड़ों पर सुविधाओं को विकसित किया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि पलायन रोकने के लिए सरकार ने पहाड़ों में सुविधाओं का जाल बिछाया है। पहाड़ पर सड़क, रेल, रोप-वे और हवाई क्षेत्र को बेहतर करने के लिए जरूरी कदम सरकार ने उठाए। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आ रहा है। इसके लिए पहाड़ के युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराना, चारोधामों का विकास, रेल और एयर कनेक्टिविटि से पहाड़ों से पलायन रूका है। वहीं पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस ने सवाल खडे किए है। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री के दावे हवा हवाई है। सबसे ज्यादा पलायन भाजपा सरकार के कार्यकाल में हो रहा है। आपको बता दें कि पलायन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में हर रोज औसतन 230 लोग पहाड़ से पलायन कर रहे हैं। जबकि 2018 से पहले तक यह आंकड़ा 138 था। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में वर्ष 2008 से 2018 के बीच कुल 5,02,717 लोगों ने पलायन किया। जबकि पलायन आयोग के गठन के बाद 2018 से 2022 के बीच बीते चार वर्षों में ही यह आंकड़ा 3,35,841 पहुंच गया है…बेहतर सड़क, शिक्षा, रोजगार, और स्वास्थ्य सुविधाओँ के अभाव में पहाड़ों से पलायन लगातार जारी है…वहीं राज्य में पलायन के मुद्दे पर अब सियासत गरमा गई है। सवाल ये है कि आखिर क्यों पहाड़ों से पलायन बदस्तूर जारी है। आखिर क्यों पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के काम नहीं आ रही है

उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में 19 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चुनाव की घड़ी नजदीक आते ही राज्य का सियासी पारा गरमाता जा रहा है। चुनावी प्रचार के मामले में भाजपा अपने विरोधी दलों से काफी आगे है….राज्य की पांचों लोकसभा सीटों में कमल खिलाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऋषिकेश पहुंचे.. इस दौरान उन्होने विजय संकल्प रैली को संबोधित किया…प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई बार कांग्रेस पर निशाना साधा। साथ ही दावा किया कि डबल इंजन की सरकार में देश और प्रदेश का तेजी से विकास हो रहा है। पीएम मोदी ने दावा किया है कि उत्तराखंड के पहाड़ों से पलायन रूका है। सरकार ने पहाड़ों में सुविधाओं का जाल बिछाया है। पहाड़ पर सड़क, रेल, रोप-वे और हवाई क्षेत्र को बेहतर करने के लिए जरूरी कदम उठाए है। जिससे पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आ रही है।

वहीं एक ओर जहां प्रधानमंत्री पहाड़ों से पलायन रूकने का दावा कर रहे है तो दूसरी ओर पलायन आयोग की ही रिपोर्ट में पहाड़ से लगातार पलायन का दावा किया गया है। पलायन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में हर रोज औसतन 230 लोग पहाड़ से पलायन कर रहे हैं। जबकि 2018 से पहले तक यह आंकड़ा 138 था। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में वर्ष 2008 से 2018 के बीच कुल 5,02,717 लोगों ने पलायन किया। जबकि पलायन आयोग के गठन के बाद 2018 से 2022 के बीच बीते चार वर्षों में ही यह आंकड़ा 3,35,841 पहुंच गया है…बेहतर सड़क, शिक्षा, रोजगार, और स्वास्थ्य सुविधाओँ के अभाव में पहाड़ों से पलायन लगातार जारी है…वहीं राज्य में पलायन के मुद्दे पर अब सियासत गरमा गई है।

 कुल मिलाकर एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहाड़ों से पलायन रूकने का दावा कर रहे हैं। तो वही दूसरी ओर पलायन आयोग की रिपोर्ट में ही साल दर साल पलायन के बढ़ते ग्राफ का आंकड़ा दिया है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या प्रधानमंत्री के दावे हवा हवाई है। आखिर क्यों पहाड़ों से पलायन आज भी जारी है। आखिर क्यों पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के काम नहीं आ रही है

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