निराला के गीत को NCERT सिलेबस से हटाए जाने पर अखिलेश ने BJP पर कसा तंज

लखनऊ,देशभर के उन स्कूलों में जहां NCERT की किताबें चलती हैं, वहां सिलेबस में बदलाव किए जाएंगे। इसमें CBSE और यूपी बोर्ड भी शामिल है।NCERT यानी नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने 12वीं क्लास के सिलेबस में कुछ बदलाव किया है। मुगलों से जुड़े अध्यायों के अलावा सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का गीत, विष्णु खरे और सुमित्रानंदन पंत की कविता को भी कोर्स से हटा दिया है।जिसके चलते अब राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में भीरतीय जनता पार्टी को घेरने का किया।

पाठ्यक्रम से हटाया जाना अत्यंत आपत्तिजनक है- अखिलेश यादव 
 पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने NCRT के सिलेबरस से  निराला समेत अन्य कवियों की कविताएं हटाने का विरोध जताते हुए भाजपा को घेरने की कोशिश की है। अखिलाश यादव ने  ट्वीट किया, “राम की शक्तिपूजा’ जैसी कालजयी रचना के लेखक सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ जी की एक रचना को NCERT के पाठ्यक्रम से हटाया जाना अत्यंत आपत्तिजनक है।
भाजपा सरकार से मांगा स्पष्टीकरण
अखिलेश यादव ने आगे लिखा, “BJP सरकार स्पष्टीकरण दे और तुरंत उत्तर प्रदेश के अन्य कवियों की भी हटाई गई रचनाओं को फिर से शामिल करवाए। NCERT ने 12वीं कक्षा के लिए इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिन्दी के सिलेबस में जो बदलाव किए हैं।”

हिंदी में भी जो बदलाव किए गए हैं, उनमें हिन्दी आरोह भाग-2 की किताब से फिराक गोरखपुरी की गजल और अंतरा भाग दो से सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की ‘गीत गाने दो मुझे’ को हटा दिया गया है। साथ ही विष्णु खरे की ‘एक काम’ और ‘सत्य’ को भी हटाया गया है। नया सिलेबस स्कूलों में मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू होगा।
विरासत का कराएंगे परिचय- पाठक
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सवालों का जवाब देते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि हम अपनी नई पीढ़ी का परिचय विरासत से कराना चाहते हैं. पुराने काल में लोगों को हमारी संस्कृति से वंचित किया जा रहा था. लोगों को बताया नहीं जा रहा था. हम लोगों को असली संस्कृति के बारे में,  सिलेबस में इस तरह के बदलावों कि आवश्यकता है जिसकी मद्द से अब हम नई पीढ़ी को अपनी संस्कृत व सांस्कृतिक से परिचित करवाएंगे।हमारी संस्कृत, हमारी सांस्कृतिक विरासत है.

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