भगवान कृष्ण के 10 फेमस मंदिर, एक बार जरूर करें दर्शन

KNEWS DESK- देशभर में आज जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी, जिसे हर साल भाद्रपद मास की कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार इस पावन तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े तीर्थ स्थानों पर जाकर दर्शन और पूजन करने का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। आज हम आपको भगवान कृष्ण के 10 फेमस मंदिरों के बारे में बताएंगे।

इस्कॉन मंदिर, वृंदावन – वृंदावन का इस्कॉन मंदिर साल 1975 में बनाया गया था। वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालु झूमते-गाते हुए प्रभु की भक्ति में खो जाते हैं. इस मंदिर में राधेकृष्ण की प्रतिमा काफी सुंदर है। यहां विदेशी श्रद्धालुओं काफी मात्रा में होते हैं।

जगन्नाथ मंदिर-  पुरी में बना जगन्नाथ मंदिर 800 सालों से भी ज्यादा पुराना माना जाता है. जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है. यह काफी रहस्यमयी मंदिर है।

श्रीनाथ जी मंदिर, नाथद्वारा (राजस्थान)- श्रीनाथ जी का मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है. ये मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। मेवाड़ के राजा इस मंदिर में मौजूद मूर्तियों को गोवर्धन की पहाड़ियों से औरंगजेब से बचाकर लाए थे. यह मंदिर अपनी मूर्तियों और कलाकृतियों के लिए भी जाना जाता है।

श्री रंछोद्रीजी महाराज मंदिर, गुजरात- गोमती नदी के किनारे पर यह मंदिर स्थित है. इस मंदिर में 8 गुंबद और 24 बुर्ज हैं जो सोने से बने हुए हैं. इस मंदिर के साथ ही लक्ष्मी जी का भी मंदिर है।

उडुपी श्री कृष्ण मठ, कर्नाटक- इस मंदिर को 13वीं सदी मे बनाया गया था. इस मंदिर के पास मौजूद तालाब के पानी में मंदिर का प्रतिबिंब दिखाई देता है. इसमें भगवान श्री कृष्ण की पूजा होती है।

इस्कॉन मंदिर, बेंगलुरु-  बेंगलुरु में भारत का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है। कहा जाता है कि यह मंदिर 1997 में बनाया गया था, जिसका उद्देश्य वैदिक और धार्मिक सभ्यताओं  को बढ़ावा देने का था।

बालकृष्ण मंदिर, हंपी कर्नाटक- कर्नाटक के हंपी में स्थित बालकृष्ण मंदिर काफी यूनीक तरीके से बनाया गया है. यह मंदिर UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज वेबसाइट में भी मिलता है। इस मंदिर में कृष्ण जी का बाल रूप विराजमान हैं।

द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा- यह मथुरा का सबसे प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर है. इस मंदिर में भगवान कृष्ण की काले रंग की प्रतिमा को पूजा जाता है. यह मंदिर यमुना नदी के तट पर एक जेल की कोठरी के अंदर स्थित है, जहां पर कभी भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था. मान्यता है कि इसी मंदिर की कोठरी में भगवान कृष्ण का प्राकट्य हुआ था. इस मंदिर को द्वारकाधीश मंदिर भी कहा जाता है।

श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन- भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था लेकिन उनका बचपन वृंदावन में ही बीता था. भगवान श्रीकृष्ण को बांके बिहारी भी कहा गया है, इसलिए इस मंदिर का नाम उनके नाम पर ही श्री बांके बिहारी रखा गया था। श्रीकृष्ण ने बचपन में शरारतों और रासलीला सभी वृंदावन में ही की थी. वृंदावन में इस्कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर, और बांके बिहारी मंदिर भी दर्शनीय हैं। जन्माष्टमी के मौके पर इन मंदिरों में कान्हा के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

जगन्नाथ पुरी, उड़ीसा- उड़ीसा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं. जन्माष्टमी से ज्यादा रौनक यहां पर रथ यात्रा के दौरान होती है. यह रथ यात्रा धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस रथ यात्रा में भाग लेने और जगन्नाथ जी के रथ को खींचने के लिए दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस यात्रा के लिए तीन विशाल रथ तैयार किए जाते हैं जिसमें बलराम जी का रथ सबसे आगे, फिर बहन सुभद्रा का रथ और उसके भी भगवान कृष्ण का रथ होता है।

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