फौजी

अमन सेना में था , अपनी छुट्टियां में अपने घर आया हुआ था । दोपहर को यूँ ही कालेज के सामने से गुजर रहा था तो बेदर्दी बालमा तूझको गीत के बोल सुनाई दिये आवाज़ इतनी मधुर थी कि अमन कालेज के अन्दर जाने से अपने आप को रोक न सका , किन्तु चौकीदार ने उसे अन्दर नही जाने दिया ।वह घर आ गया किन्तु वह आवाज़ उसके कानों में अभी भी गूंज रही थी ।
अमन ने काफी कोशिश की यह जानने की कल बेदर्दी वाला गाना किसने गाया था परन्तु वह मालूम नही कर सका , करता भी कैसे कालेज के

अन्दर वह जा नही सकता था ।अब अमन रोज कालेज के गेट पर खडे़ होकर खोजता रहता उस आवाज़ को ।आखिर एक दिन उसका इंतजार खत्म हुआ ।हुआ यूँ एक खूबसूरत सी लड़की को देखकर दूसरी लडकियों के झुंड ने कहा – वाह सपना तुमने बेदर्दी वाला गाना तो कमाल का गाया था मजा आ गया था सुनकर । अमन की खोज पूरी हो गई थी अमन की खोज का नाम सपना था ।अमन सपना के पास गया और कहा – मै अमन हूँ भारतीय सेना में नौकरी करता हूँ मेरी पोस्टिंग कश्मीर के गाँव में है , आपकी आवाज़ बहुत खूबसूरत है क्या आप मुझसे दोस्ती करेंगी अमन बात ही कर रहा था कि सामने से सपना का भाई आया वह विजय था जो अमन के साथ ही स्कूल में पढा़ था ।दोनों एक दूसरे को पहचान गये और गले लग गये ।

अब अमन और विजय दोनों मिलते रहते थे एक दिन हिम्मत करके अमन ने विजय से कह दिया , यार मै सपना से बहुत प्यार करता हूँ क्या तू अपनी बहन की शादी मुझसे कर सकता है । विजय कहने लगा तू बहुत अच्छा है ,मै बचपन से जानता हूँ लेकिन मेरी बहन को शादी के बाद क्या हासिल होगा । तू 15 दिन बाद चला जायेगा पता नही फिर कब आयेगा । तू सपना को सिर्फ़ इंतजार दे सकता है इसके अलावा क्या दे पायेगा । अमन ने कहा ऐसा नहींहै मै जब भी आऊँगा तब तो हम साथ रहेंगे । अगर सभी ऐसा सोचेंगे तो फौजी की तो कभी शादी ही नही होगीं , इतना कहकर अमन अपने घर चला गया । विजय ने जब ये बात सपना को बताई तो सपना ने कहा – भईया मै भी देश की सेवा करना चाहती हूँ अमन देश की सीमा पर रहकर सेवा करेंगे और मै अमन के घर में रहकर ।मै इस शादी के लिये राजी हूँ । दोनों की शादी हो जाती है दोनों खुश है ।आज उनकी शादी को दो महीने हो गये ।अमन आज वापिस जा रहाहै । सबकी आँखो में आंसू थे।लेकिन सपना ने उसे हंसते हुये विदा किया और कहा जल्दी आना छोटा अमन आने वाला है । अमन चला गया एक साल बाद उसका शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ आया है । सभी ने रोती हुई आँखो से उसे अंतिम विदाई दी।

विजय सपना को घर ले जाने आया है उसे देखकर सपना कहती है भईया मै यहीं रहूँगी ।आज सपना सैनिक स्कूल में पढा़ती है और बच्चों को सेना में भर्ती होने के लिये प्रेरित करती है और उसके स्कूल से लगभग 50 बच्चों को वह हर साल सेना में भर्ती करवाती है ।सच कहा था सपना ने वह यहाँ रहकर देश की सेवा करेगी और वह इस तरह देश की सेवा ही तो कर रही है बच्चों को सेना में भेज कर ……..
रेणु फ्रांसिस
इंदौर

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