HIV के रिस्क पर कंट्रोल, लेनाकैपाविर इंजेक्शन को FDA की मंजूरी, हर 6 महीने में देगा सुरक्षा

KNEWS DESK – HIV यानी ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस दुनिया के सबसे खतरनाक वायरसों में से एक माना जाता है, जिसका अब तक कोई स्थायी इलाज या वैक्सीन नहीं मिल पाई है। लेकिन इस वायरस की रोकथाम के क्षेत्र में मेडिकल साइंस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अमेरिका के FDA (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) ने हाल ही में लेनाकैपाविर (ब्रांड नाम: Ztugo) नामक इंजेक्शन को मंजूरी दी है, जो HIV संक्रमण से बचाव के लिए हर छह महीने में सिर्फ दो डोज़ के रूप में काम करेगा।

क्या है लेनाकैपाविर (Ztugo)?

लेनाकैपाविर एक PrEP (Pre-Exposure Prophylaxis) दवा है, जिसका मतलब है कि यह किसी व्यक्ति के HIV संक्रमित होने से पहले उसे सुरक्षा प्रदान करती है। यह कोई वैक्सीन या इलाज नहीं है, बल्कि रोकथाम का उपाय है। अगर कोई पहले से HIV पॉजिटिव है, तो यह इंजेक्शन उनके लिए नहीं है।

लेनाकैपाविर एक Capsid Inhibitor है। यह HIV वायरस के बाहरी खोल यानी कैप्सिड को कमजोर करता है, जिससे वायरस शरीर में फैलने से पहले ही निष्क्रिय हो जाता है। इसे स्किन के नीचे लगाया जाता है और यह दवा धीरे-धीरे रिलीज़ होती है, जिससे यह शरीर में लगातार 6 महीने तक एक्टिव बनी रहती है।

इंजेक्शन की डोज़ और शर्तें

हर 6 महीने में सिर्फ 2 डोज़ दिए जाते हैं। अगली डोज़ से पहले व्यक्ति का HIV निगेटिव टेस्ट अनिवार्य है। इंजेक्शन केवल HIV निगेटिव लोगों को ही दिया जा सकता है। लेने वाले व्यक्ति का वजन 35 किलो से अधिक होना चाहिए। अगर HIV पॉजिटिव व्यक्ति गलती से लेता है तो ड्रग रजिस्टेंस और अन्य जोखिम हो सकते हैं।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, लेनाकैपाविर पर तीन प्रमुख ट्रायल किए गए। महिलाओं में 100% तक संक्रमण से सुरक्षा देखी गई। पुरुषों में सिर्फ 0.1% संक्रमण सामने आया। यह सफलता इसके प्रभावी और भरोसेमंद होने की पुष्टि करती है।

सस्ती कीमत और जनसंचार की जरूरत

पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, लेनाकैपाविर HIV रोकथाम में वैज्ञानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य की दिशा में मील का पत्थर है। लेकिन इसका असली फायदा तभी मिलेगा, जब यह दवा सस्ती दरों में उपलब्ध हो और लोगों को इसके इस्तेमाल और सीमाओं के बारे में जागरूक किया जाए।