वाराणसी : ज्ञानवापी मामले में हाईकोर्ट कल सुनाएगा फैसला,ASI सर्वे पर रोक बरकरार

KNEWS DESK… ज्ञानवापी मामलें में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 24 जुालई को की गई टिप्पणी के बाद आज यानी 26 जुालई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई की गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले पर अब कल सुनवाई करेगा. हालंकि अधिवक्ताओं के द्वारा रिपोर्ट पढ़ने के लिए समय मांगा गया है.

दरअसल आपको बता दें कि ज्ञानवापी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ठ के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ व न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने रविवार अहम टिप्पणी की थी और एएसआई के सर्वे पर दो दिन की रोक लगा दी थी. इस मामले में अंजुमन इंतजामिया कमेटी के वकील हुजेफा अहमदी ने कहा कि बुधवार को वह कोर्ट में सर्वे पर रोक लगाने को लेकर ही बहस करेंगे. मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि वह दोबारा सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. बता दें कि बुधवार को सुबह करीब साढ़े 9 बजे से शाम 4.30 बजे तक सुनवाई चलती थी. फिर ASI के सर्वे को मंजूरी दे दी गई.

ASI सर्वे की दी गई इजाजत

जानकारी के लिए बता दें कि वाराणसी कोर्ट ने ASI सर्वे कराने की इजाजत दे दी थी. बता दें कि 14 जुलाई को लगभग ढाई घंटे तक चली बहस के बाद जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसके बाद हाईकोर्ट से अधिवक्ताओं ने रिपोर्ट पढ़ने के लिए समय मांगा है। जिसके चलते अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ज्ञानवापी मामले पर कल यानी 27 जुलाई को फैसला सुनाएगा। कोर्ट ने सर्वे पर रोक बरकरार रखी है. वहीं, इस मामले में मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि इस फैसले का विरोध करते हैं, उच्च अदालत जाएंगे. बता दें कि सारे सर्वे की वीडियो भी बनवाई जाएगी.

यूपी सरकार से तलब किया गया था हलफनामा 

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से दायर किया गया हलफनामा भी तलब किया था. जिसे लेकर सरकार ने हलफनामे को कोर्ट में पेश किया था.  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसी साल मई माह की 12 तारीख को कथित ज्ञानवापी शिवलिंग पर कॉर्बन डेटिंग साइंटिफिक सर्वे किए जाने के आदेश दिए थे. बाद में कोर्ट द्वारा कंडक्ट करवाए गए सर्वे पर रोक लगा दी गई थी. बीते दिन कोर्ट ने सर्वे की मंजूरी दी तो उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा इस पर रोक लगा दी थी. बता दें कि हिंदू पक्ष ने कोर्ट में दावा किया था कि ज्ञानवापी में मौजूद भगवान शिव का 100 फीट ऊंचा शिवलिंग विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग के तौर पर जाना जाता रहा है. बाद में इसे तोड़ कर मस्जिद बना दिया गया. जिसे ज्ञानवापी मस्जिद के नाम दिया गया था.

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