यूपी निकाय का चुनाव 4 मई और 11 मई को वोटिंग, 13 मई को रिजल्ट

लखनऊ, यूपी में कुल 17 नगर निगम सीट 199 नगर पालिका की सीट 544 नगर पंचायत की सीटों पर चुनाव होना है। जिसके लिए निर्वाचन आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। निर्वाचन आयोग ने यह घोषणा आज रविवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में की है। निकाय चुनाव के तारीखों की घोषणा के बाद सभी पार्टियां अब अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने में लग गई हैं।

चुनाव की तारीखों के घोषणा के साथ ही राज्य में चुनावी बिगुल बज गया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया की यूपी में नगर निकाय चुनाव दो चरणों में होगा। पहला चरण 4 मई को, दुसरा चरण 11 मई को होगा। चुनाव के परिणामों की घोषणा 13 तारीख को होगी।

मनोज कुमार ने बताया कि प्रदेश में 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों सहित कुल 760 नगरीय निकायों में चुनाव होगा। नगर निगम के महापौर और पार्षद का चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम ) से होगा। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व सभासद का चुनाव मतपत्र से होगा।

पहले चरण के चुनाव के लिए जिला मजिस्ट्रेट की ओर से 10 मई को सार्वजनिक सूचना जारी की जाएगी। अधिसूचना 11 अप्रैल को जारी होगी। उम्मीदवार 11 से 17 अप्रैल तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 18 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 20 अप्रैल तक उम्मीदवार नामांकन वापस ले सकेंगे। 21 अप्रैल को उम्मीदवारों को चुनाव चिंह आवंटित किया जाएगा। 4 मई को मतदान होगा।

नगर निकाय चुनाव के लिए सरकार ने आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी कर दिया है। महापौर अध्यक्ष की सीटो में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लखनऊ में 4 मई को होगा मतदान।

बहुप्रतिक्षित नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का एलान रविवार शाम हो गया। प्रदेश में दो चरण में निकाय चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण में लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर सहित 9 मंडलों में 4 मई को मतदान होगा। दूसरे चरण में मेरठ, अयोध्या, कानपुर मंडल सहित नौ मंडलों में 11 मई को मतदान होगा। मतगणना 13 मई को होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त मनोज कुमार ने रविवार शाम आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में 762 में से 760 नगरीय निकायों में होने वाले चुनाव का कार्यक्रम जारी किया। इसके साथ ही प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में आचार संहिता लागू हो गई।

 

 

मनोज कुमार ने बताया कि प्रदेश में 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों सहित कुल 760 नगरीय निकायों में चुनाव होगा। नगर निगम के महापौर और पार्षद का चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम ) से होगा। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व सभासद का चुनाव मतपत्र से होगा।

 

पहले चरण के चुनाव के लिए जिला मजिस्ट्रेट की ओर से 10 मई को सार्वजनिक सूचना जारी की जाएगी। अधिसूचना 11 अप्रैल को जारी होगी। उम्मीदवार 11 से 17 अप्रैल तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 18 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 20 अप्रैल तक उम्मीदवार नामांकन वापस ले सकेंगे। 21 अप्रैल को उम्मीदवारों को चुनाव चिंह आवंटित किया जाएगा। 4 मई को मतदान होगा।

 

जिला मजिस्ट्रेट की ओर से दूसरे चरण के चुनाव के लिए 16 अप्रैल को सार्वजनिक सूचना जारी की जाएगी। 17 अप्रैल को अधिसूचना जारी करने के साथ ही नामांकन दाखिल करने का सिलसिला शुरू होगा। उम्मीदवार 24 अप्रैल तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 25 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 27 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 28 अप्रैल को चुनाव चिंह का आवंटन होगा। दूसरे चरण के चुनाव के लिए 11 मई को मतदान होगा।

 

दो लाख से अधिक कर्मचारी कराएंगे चुनाव

निकाय चुनाव के लिए दो लाख से अधिक कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। सभी जिलों में मतदान दलों का गठन कर लिया गया है। मतदान दलों के प्रशिक्षण की कार्यवाही भी संचालित की जा रही है।

 

यूपी पुलिस ही कराएगी चुनाव

मनोज कुमार ने बताया कि चुनाव के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था का दारोमदार यूपी पुलिस, पीएससी और होमगार्ड पर रहेगा। उन्होंने कहा कि आवश्यकता हुई तो पैरामिसिट्री फोर्स भी तैनात की जाएगी।

 

 

प्रदेश में आचार संहिता लागू

प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इस अवधि के दौरान नगरीय क्षेत्रों में किसी विभाग में तबादले नहीं हो सकेंगे। सरकार के मत्रियों के राजकीय कार्यक्रम से दौरे नहीं हो सकेंगे। नई परियोजनाओं की स्वीकृति और घोषणा भी नहीं हो सकेगी।

 

तबादलों, पदोन्नति और नई योजनाओं पर रहेगी रोक

नगरीय निकाय चुनाव का एलान होते ही प्रदेश भर में आचार संहिता लागू हो गई है। 14 मई तक पूरे प्रदेश में तबादलों, पदोन्नति और नई योजनाओं, परियोजनाओं को लागू करने पर प्रतिबंध रहेगा। उधर नगरीय क्षेत्रों में विकास कार्यों का एलान या शुरू करने पर प्रतिबंध रहेगा।

 

राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी एस.के. सिंह ने बताया कि निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव से संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों के स्थानांतरण, नियुक्ति, पदोन्नति पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। अपरिहार्य स्थिति में आयोग की अनुमति से ही तबादले और नियुक्तियां की जा सकेगी। कानून व्यवस्था के लिए तैनात, कर्मचारी-अधिकारियों को छोड़कर शेष अधिकारी व कर्मचारी किसी भी सभा में शामिल नहीं हो सकेंगे। सुरक्षा में अधिकारी एवं कर्मचारी को छोड़कर शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी चुनाव क्षेत्र में किसी मंत्री साथ नहीं रहेंगे। चुनावी सभा की अनुमति देते समय उम्मीदवारों से भेदभाव नहीं किया जाएगा।

 

कोई घोषणा नहीं

निर्वाचन अवधि में निकायों, पंचायतों, सरकारी, अर्द्धसरकारी विभागों, संस्थाओं, उपक्रमों की ओर से कोई योजना, परियोजना या कार्य की घोषणा नहीं की जाएगी। ना ही इससे जुड़ा कोई काम शुरू किया जाएगा। इससे संबंधित वित्तीय स्वीकृति या धन राशि भी जारी नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि जो कार्य आचार संहिता लागू होने से पहले से चल रहे हैं वे यथावत चलते रहेंगे लेन उनके लिए नई वित्तीय स्वीकृति की जाएगी।

 

अनुमति से लाउड स्पीकर

उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार के लिए सभा, रैली या जुलूस में लाउड स्पीकर एवं साउंड बाक्स उपयोग की अनुमति सुबह 6 से रात 10 बजे तक लिए ही दी जाएगी। रात 10 से सुबह 6 बजे तक उनका उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा कोई कार्य, लिखित, बोलकर या प्रतीक के माध्यम से नहीं किया जाएगा जिससे किसी धर्म, संप्रदाय, जाति, सामाजि· वर्ग, उम्मीदवार, राजनीति दल, कार्यकर्ता की भावना आहत हो।

 

नगर निगम में ईवीएम से चुनाव

760 नगरीय निकायों में चुनाव होगा। नगर निगम के महापौर और पार्षद का चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम ) से होगा। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व सभासद का चुनाव मतपेटिकाओं के जरिए होगा।

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