KNEWS DESK- संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने हंगामा खड़ा कर दिया। विपक्ष ने महाकुंभ हादसे पर चर्चा की मांग करते हुए सरकार पर जवाबदेही तय करने का दबाव बनाया। विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन में जोरदार नारेबाजी की और तत्काल बहस की मांग रखी।
महाकुंभ हादसे पर विपक्ष हमलावर
महाकुंभ हादसे को लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “महाकुंभ एक ऐतिहासिक आयोजन है, लेकिन इस बार की घटनाओं ने इसकी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार को संसद में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।”
वक्फ विधेयक पर रिपोर्ट पेश करने की तैयारी
संसद में वक्फ विधेयक को लेकर भी चर्चा गर्म रही। इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, “हमारी रिपोर्ट तैयार है, लेकिन इसे स्पीकर द्वारा तय एजेंडे के अनुसार ही पेश किया जाएगा।” भाजपा सांसद और JPC की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि वक्फ विधेयक आज या कल संसद में पेश किया जा सकता है।
सरकार का रुख और संभावित कार्रवाई
सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महाकुंभ हादसे पर पूरी जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। वहीं, वक्फ विधेयक को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट है कि इसमें सुधार और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से यह विधेयक लाया जा रहा है।
संसद के आगामी सत्र में इन दोनों मुद्दों पर जोरदार बहस होने की संभावना है। जहां विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं सरकार भी अपने फैसलों को सही ठहराने के लिए रणनीति बना रही है।
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