अनुच्छेद-370 हटाए जाने के जश्न पर आगबबूला हुईं महूबूबा मुफ्ती,कहा-“लोगों की वास्तिवक भावनाओं को जा रहा कुचला”

KNEWS DESK… जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के आज सो 4 वर्ष पूरे हो गए हैं. जिसको आज चौथी सालगिरह मनाई जा रही है. इस मौके पर प्रदेश में कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इसके साथ ही ऐहतियात के मद्दे नजर कुछ नेताओं को नजरबंद भी किया गया है. जिसमें PDP अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का भी नाम शामिल है. जिसको लेकर महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर तंज कसा है.

दरअसल आपको बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा 5 अगस्त 2018 को जम्मू-कश्मीर से धारा-370 को हटा दिया गया था जिसको लेकर देश में काफी राजमीति भी हुई थी. विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कई तरह के आरोप भी लगाए थे. आज जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के 4 वर्ष पूरे हो गए जिसके चलते चौथी सालगिरह मनाई मनाई जा रही है. इसी बीच महबूबा की पार्टी ने सेमिनार के लिए सरकार से इजाजत मांगी थी. लेकिन सुरक्षा कारणों को देखते हुए उनकी अर्जी को खारिज कर दिया गया. इस पर महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए कहा है कि उन्हें नजरबंद किया गया है. इसके साथ ही उनके पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भी नजरबंद कर लिया गया है. यह सब कुछ 5 अगस्त की रात्रि को किया गया है. इसके तहत बहुत सारे PDP कार्यकर्ताओं को अलग अलग पुलिस स्टेशनों में  नजरबंद कर दिया गया है. जबकि केंद्र सरकार घाटी में स्थिति के सामान्य होने का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रही है. लेकिन हकीकत में केंद्र ने जो कदम उठाया है. इससे उनका डर साफ झलकता है. मुफ्ती ने लिखा है कि एक तरफ अनुच्छेद 370 हटाए जाने का जश्न मनाने के लिए होर्डिंगस लगाई जा रही हैं. वहीं दूसरी तरफ दमन के जरिए लोगों की वास्तिवक भावनाओं को कुचला जा रहा है.

जानकारी के लिए बता दें कि महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट के साथ ही दो तस्वीरें भी शेयर की हैं. जिसमें उनके दरवाजे पर लगा ताला को साफ देखा जा सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महबूबा मुफ्ती ने इस मौके पर अपनी पार्टी PDP के द्वारा सेमिनार का आयोजन करने की इजाजत मांगी थी. जिसके द्वारा पूरे जम्मू-कश्मीर में विरोध-प्रदर्शन करने की योजना बनाई जा रही थी. इसी वजह से राज्य सरकार ने एक्शन लेते हुए इन विरोधी नेताओं को नजरबंद किया है. ताकि जम्मू-कश्मीर में हिंसा की किसी भी घटना को अंजाम नहीं दिया जा सके.

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