मध्य प्रदेश : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज करेंगी उत्कर्ष-उन्मेष उत्सव समारोह का शुभारंभ, तीन दिन चलेगा समारोह

KNEWS DESK… राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज यानी 3 अगस्त को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल  के दौरे पर हैं. द्रौपदी मुर्मू भोपाल के रविंद्र भवन में उत्कर्ष समारोह का शुभारंभ करेंगी. जहां पर इस दौरान मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान  मौजूद रहेंगे.

दरअसल आपको बता दें कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार अंतर्गत संगीत नाटक अकादमी एवं साहित्य अकादमी की तरफ से और  MP संस्कृति विभाग के सहयोग से इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें भारत की लोक और जनजाति अभिव्यक्तियों का दर्शन कराया जाएगा. उत्कर्ष-उन्मेष उत्सव कार्यक्रम का आयोजन 3-5 अगस्त तक चलेगा. लोक कला, संगीत एवं साहित्य को लेकर ऐसा उत्सव भोपाल में पहली बार किया जा रहा है. इस महोत्सव में देश के 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से करीब 800 से अधिक कलाकार भाग लेंगे. यहां पहुंच कर ये कलाकार लोक-जनजातियों से संबंधित कलाओं का प्रदर्शन करेंगे. इस उत्सव का प्रसारण संगीत नाटक अकादमी के फेसबुक एवं यूट्यूब चैनल सहित संस्कृति विभाग के सभी चैनल पर प्रसारित किया जाएगा.

जानकारी के लिए बता दें कि संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष के मुताबिक उत्कर्ष-उन्मेष महोत्सव के इस कार्यक्रम में तीनों दिन भोपाल के रविंद्र भवन के सभागार में भारत के लोक एवं जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति की जाएगी. इस उत्सव के पहले दिन विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों की प्रस्तुति की जाएगी. जिसमें मुख्य रुप से लेह-लद्दाख का जबरो नृत्य, नगालैंड का सुमी वार नृत्य, गोवा का समय नृत्य, सिक्किम का सिंधी छम, मध्य प्रदेश का राई नृत्य, मेघालय का वांग्ला नृत्य, मध्य प्रदेश का बरेदी नृत्य, महाराष्ट्र का लावणी नृत्य, असम का बीहू नृत्य, ओडिशा का सिंगारी नृत्य, झारखंड का पाईका नृत्य एवं आंध्र प्रदेश का टप्पेटा गुल्लू नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति की जाएगी. वहीं इस महोत्सव के दूसरे दिन अरुणाचल प्रदेश का आजी लामू नृत्य, हिमाचल प्रदेश का सिरमौरी नाटी, छत्तीसगढ़ का पंथी नृत्य, राजस्थान का कालबेलिया नृत्य, असम का तिवा नृत्य, हरियाणा का फाग नृत्य, उत्तर प्रदेश का मयूर रास, झारखंड का नागपुरी झूमुर, मणिपुर का ढोल चोलम और थांग टा नृत्य, तमिलनाडु का करगट्टम, पश्चिम बंगाल का नटुवा नृत्य, कर्नाटक का पूजा कुनिथा एवं गुजरात का मणीयारो रास नृत्य की मनमोहक छवि प्रस्तुति की जाएगी.

बता दें कि इस उत्सव के आखिरी दिन 5 अगस्त को कश्मीर का रौफ नृत्यए सिक्किम का सोराठी नृत्य, बिहार का झिझिया नृत्य, त्रिपुरा का होजागिरी नृत्य, छत्तीसगढ़ का गौड़ मारिया नृत्य, केरला का पुलकली नृत्य, उत्तराखंड का छपेली नृत्य, ओडिशा का गोटीपुआ नृत्य, पंजाब का भांगड़ा, पश्चिम बंगाल का पुरुलिया छऊ, तेलंगाना का ओग्गू डोलू एवं मध्य प्रदेश के गुदुम बाजा नृत्य की मनोरंजक प्रस्तुति की जाएगी.

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