2000 रुपए के नोट बिना फार्म, पहचान पत्र के बदले जाने के विरोध में हाईकोर्ट पहुंचे भाजपा नेता

KNEWS DESK… RBI ने हाल ही में 2000 रुपए के नोट को चलन से बाहर करने का ऐलान किया है। जोकि अब  यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। जहां पर भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने एक जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2000 रुपये के नोट बिना किसी मांग पर्ची और पहचान प्रमाण के जमा कराने या अन्य छोटे मूल्य के नोट में नकद भुगतान किए जाने का आदेश मनमाना, तर्कहीन और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

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दरअसल आपको बता दें कि 20 मई को 2000 के RBI के द्वारा चलन से बाहर किए जाने का ऐलान किया था। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर दावे किए जा रहे थे कि चलन से बाहर किए गए नोटों को एक्सचेंज करवाने के लिए बैंकों में पहचान पत्रों की आवश्यकता पड़ेगी। जिसके बाद देश की सबसे बड़ी बैंक SBI ने एपनी सभी शाखआओं को सूचित करते हुए कहा कि बीते शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से चलन से बाहर किए गए 2000 रुपए के नोटों को एक्सेचेंज करवाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई फार्म भरने की आवश्यकता नहीं है, न ही कोई भी पहचान पत्र के दिखाने के लिए आईडी फ्रूफ दिखाने की जरूरत नहीं है। जिसके बाद अब भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा है कि कि 2000 रुपये के नोट बिना किसी मांग पर्ची और पहचान प्रमाण के जमा कराने या अन्य छोटे मूल्य के नोट में नकद भुगतान किए जाने का आदेश मनमाना, तर्कहीन और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

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याचिका में कहा गया है कि बड़ी संख्या में नोट लोगों के लॉकर में पहुंच गए हैं। वहीं, शेष अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, मादक पदार्थ के तस्करों, खनन माफियाओं तथा भ्रष्ट लोगों ने जमा कर रखे हैं। काले धन पर रोक लगाने के लिए मांग की गई है।  RBI, SBI को निर्देश दिए जाएं कि 2000 रुपये के नोट संबंधित बैंक खातों में ही जमा कराए जाएं। इससे काले धन और आय से अधिक संपत्ति रखने वाले लोगों की आसानी से पहचान हो सकेगी। साथ ही भ्रष्टाचार, बेनामी लेनदेन को खत्म करने में मदद मिलेगी। अधिक मूल्य के नोट में नकद लेनदेन भ्रष्टाचार का मुख्य स्रोत है।

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2000 रुपए के नोटों का आतंकवाद, नक्सलवाद, अलगाववाद, कट्टरपंथ, जुआ, तस्करी, धन शोधन, अपहरण, वसूली, रिश्वतखोरी और दहेज आदि जैसे गैरकानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है। याचिका के अनुसार, यह देखते हुए आरबीआई और एसबीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 2,000 रुपये के नोट केवल संबंधित बैंक खातों में ही जमा किए जाए।

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प्रत्येक देशवासी के पास है बैंक खाता

भाजपा नेता अश्वनी उपाध्याय ने याचिका में आगे कहा कि हाल में केंद्र ने यह घोषणा की थी कि प्रत्येक परिवार के पास आधार कार्ड तथा बैंक खाता होना चाहिए। फिर क्यों आरबीआई बिना पहचान पत्र के 2,000 के नोट बदलने की अनुमति दे रहा है। यह बताना भी जरूरी है कि गरीबी रेखा से नीचे 80 करोड़ परिवारों को मुफ्त अनाज मिलता है। अश्विनी ने कहा कि हम आरबीआई तथा एसबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध करते हैं कि 2,000 रुपये के नोट केवल बैंक खातों में ही जमा कराए जाएं।

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