डेंगू से पश्चिम बंगाल में 30 लोगों की मौत, सरकार ने जारी किए दिशा-निर्देश

KNEWS DESK- बांग्लादेश में डेंगू से मरने वालों का आंकड़ा 900 को पार कर गया है। पिछले साल की तुलना में इस बार डेंगू बांग्लादेश में कई गुना ज्यादा तबाही मचा रहा है। इतना ही नहीं भारत और सूडान में भी डेंगू का मच्छर कहर बरपा रहा है।

डेंगू के 38 हजार मामले

सूडान में इसने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है। वहीं, सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही अब तक डेंगू के 38 हजार मामले सामने आ चुके हैं और 30 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

देश में अब तक 928 लोगों की गई जान

देश में अब तक 928 लोगों की डेंगू के कारण जान जा चुकी है, सिर्फ 24 घंटे में 19 से ज्यादा मौते हुई हैं। अब तक 190,758 लोग इसकी चपेट में आ चुक हैं, 179,683 ठीक हो चुके हैं और 10,147 मरीजों का देश के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बांग्लादेश में डेंगू का बढ़ता प्रकोप बच्चों के लिए और ज्यादा चिंता पैदा कर रहा है। कई बच्चे इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं और ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जब सिर्फ 5 या 6 दिन के बुखार में ही मरीज की जान चली गई। इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश में कहर बरपा रहा डेंगू का मच्छर किस कदर खतरनाक और घातक है।

हर जिले में डेंगू के मरीज

बांग्लादेश के हर जिले में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। सभी 64 जिलों से मामले सामने आ रहे हैं। संगठन का यह भी कहना है कि उष्णकटीबंधीय इलाकों में डेंगू जल्दी फैलता है। डब्ल्यूएचओ ने मौसम में बदलाव को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान जब मौसम बदलता है तो इसका दक्षिण एशिया में बहुत खराब प्रभाव देखने को मिलता है। मानसून के कारण मौसम में गर्मी और नमी रहती है और यह माहौल डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर को प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण देता है, जिसमें वह तेजी से पनपता है इसलिए यहां डेंगू तेजी से फैल रहा है। ढाका में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है यहां की 1 करोड़ 20 लाख आबादी में से ज्यादातर हिस्सा स्लम इलाकों में रहता है, जहां की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है।

38 हजार से ज्यादा लोग डेंगू की चपेट में

देश के कई हिस्सों में डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा केस पश्चिम बंगाल से दर्ज किए गए हैं। यहां अब तक 38 हजार से ज्यादा लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं और 30 से ज्यादा की जान जा चुकी है। बंगाल की राजधानी कोलकाता के अलावा उत्तरी 24 परगना, हुगली, नादिया और मुर्शीदाबाद में सबसे ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। नेशनल सेंटर फोर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल बंगाल में 67,271 मामले दर्ज किए गए थे, और कम से कम 30 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, केंद्र सरकार का कहना है कि इस बार बंगाल सरकार की ओर से डेटा मुहैया नहीं करवाया जा रहा है।

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